भागलपुर इंडियन केमिकल सोसाइटी भागलपुर चैप्टर की ओर से टीएमबीयू के पीजी केमेस्ट्री व फिजिक्स विभाग में शुक्रवार से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हुई. उद्घाटन कुलपति प्रो जवाहर लाल ने दीप जलाकर किया. स्वागत गीत का गायन सिंधुमणि, माधुरी, प्रेरणा व अनुराधा ने किया. कुलपति ने कहा कि रसायन द्वारा भविष्य को सुधारने के लिए चिंतन की आवश्यकता है. भारत व इसके नागरिकों का भविष्य रसायन के उज्ज्वल भविष्य पर निर्भर करता है. डाई से लेकर दैनिक दिनचर्चा, स्वाइल की जांच, खाद, एग्रीकल्चर का क्षेत्र, फसल की गुणवत्ता एवं ड्रग समेत प्रत्येक चीज के लिए रसायन की आवश्यकता है. दवा के क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग रसायन पर निर्भर है. विकसित भारत के सपनों को साकार करना रसायन के द्वारा ही संभव है. मंच पर संयुक्त रूप से एब्सट्रेक्ट बुक का विमोचन प्रो डीसी मुखर्जी, प्रो सुदीप कुमार दास, संयोजक डॉ अशोक कुमार झा, प्रो कमल प्रसाद, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ उषा शर्मा, डॉ गरिमा त्रिपाठी ने किया.
केमिकल की मदद से कैंसर का इलाज संभव
विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय के प्रो भावतोष मंडल ने एंजाइम मोबीलाइजेशन पर व्याख्यान देते हुए रसायन की उपयोगिता को सुनहरे भविष्य के लिए उपयोगी बताया. कोलकाता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आशुतोष घोष ने मेटल पर व्याख्यान देते हुए इसे कैंसर के इलाज के लिए भी उपयोगी बताया. एम्स पटना के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दिव्येंदु भूषण ने केमिकल डिजास्टर पर व्याख्यान देते हुए पिछले घटनाओं से सबक लेते हुए रसायन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला. सऊदी अरब के प्रो बीके बनिक ने पॉली एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन के उपयोग एवं इसके एंटी कैंसर प्रॉपर्टी पर व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि एंटी कैंसर डेटा से नए एंटी कैंसर एजेंट का पता लगाया जा सकता है. टोक्यो विश्वविद्यालय जापान के प्रोफेसर ताकाशीरों अकितशु ने एक्स-रे द्वारा रवा की संरचना ज्ञात करने पर विस्तृत चर्चा की.
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