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चमक और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आमों पर कैप लगा रहें किसान, बारिश-तूफान और कीड़ों से मिलेगी सुरक्षा

भागलपुर में जर्दालू और अन्य आमों की चमक और गुणवत्ता बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गयी है. आम उत्पादक किसान पेड़ों में लगे आमों पर कैप लगा रहे हैं, यह कैप बारिश, तूफान और कीड़ों से सुरक्षा प्रदान करेगी.

Agriculture News: भागलपुर जिले के आम उत्पादक किसान जीआई टैग जर्दालू समेत अन्य आमों की क्वालिटी व चमक बढ़ाने के लिए कैप लगाने का काम शुरू कर दिया. आम की साइज ज्यों-ज्यों बढ़ती जा रही है, त्यों-त्यों आम की सुरक्षा की चिंता किसानों की बढ़ती जा रही है. किसानों की मानें पिछले साल प्रयोग के तौर पर कैप लगाये गये थे, जिसका परिणाम हुआ कि कैप वाले आम की डिमांड विदेशों व महानगरों में अधिक हुई.

कहलगांव के आम उत्पादक किसान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि पिछले साल कैप लगाने से आम की कीमत दोगुनी तक बढ़ गयी थी. कैप वाले आम पकने के बाद भी अधिक दिनों तक खराब नहीं होता है. इस आम की डिमांड मॉल में भी अधिक थी. इस आम की चमक भी आकर्षक होती है. अन्य दूसरे नाथनगर के किसान मुनीलाल मंडल भी अपने पेड़ों में लगे आम में कैप लगाने में जुट गये है.

आत्मा की ओर से किसानों को किया जा रहा है जागरूक

आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि आत्मा की ओर से आम किसानों के बीच लगातार जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है, ताकि उनके आम की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके, ताकि विदेशों से लेकर देश के विभिन्न महानगरों में बाजार मिल सके. प्रतिस्पर्द्धा के दौर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

मेंगों कैप के फायदे से आम किसानों को अवगत कराया जा रहा है. इससे किसानों में मैंगो कैप लगाने की रुचि बढ़ी है. आम किसान मनीष सिंह ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार मैंगो कैप की खरीद पर सब्सिडी दे तो उत्पादन में ज्यादा बढ़ोतरी होगी. जर्दालू आम को जीआई टैग मिला है. इसके अलावा भागलपुर का दुधिया आम भी मशहूर है. पिछले तीन साल से इंग्लैंड, अमेरिका, खाड़ी देशों में निर्यात किया जारहा है.

मेंगो कैंप लगाने से कीटनाशन की जरूरत नहीं, ऐसे करें इस्तेमाल

आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय विदेश भेजने से पहले फलों की क्वालिटी व क्वांटिटी पर विशेष ध्यान देता है. जर्दालू को चमकदार व दाग-धब्बे रहित बनाने के लिए कैंप लगाये जा रहे हैं. सुरक्षा कवच के रूप में मेंगो कैप काम कर रहा है. यह कवच कोहरा, धब्बे, बर्फ का कीड़ा, अखरोट का कीड़ा, मकर, मक्खियों से बचाव करता है. इसे फल के नींबू या अंडे के आकार का उपयोग किया जाना चाहिए. अच्छे पके पिंडों को थैली में रखा जाना चाहिए.

स्ट्रिंग को स्टेम के ऊपर तीन सेंटीमीटर बांधना चाहिए. इसे 50 दिनों के बाद काटा जा सकता है. इससे और भी फायदे हैं. यह थैली फल को किसी भी कीट से बचाती है. फलों पर कीटनाक की आवश्यकता नहीं होती है. यह कैप अत्यधिक धूप और ओला-बारिश से बचाता है. जिले के कहलगांव, पीरपैंती, सुल्तानगंज आदि आम उत्पादक क्षेत्र में मैंगो कैप लगाया जा रहा है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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