अंगीभूत काॅलेजों द्वारा एनएसएस मद में छात्राें से शुल्क लिया जाता है. इसका हिसाब टीएमबीयू काे नहीं दिया जाता है न ही उस मद का हिस्सा. स्नातक के तीन वर्षीय काेर्स के सत्र 2016-17 से लेकर 2021-22 व चार वर्षीय काेर्स के सत्र 2023-27 एवं 2024-28 तक की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट से मामला सामने आया है. सत्र 2016-17 से लेकर 2021-22 तक 11 काॅलेजाें ने छात्राें से एनएसएस मद में 83 लाख से अधिक शुल्क वसूला, लेकिन नियमानुसार कॉलेजों से विवि के हिस्से की राशि नहीं भेजी गयी. जबकि सत्र 2023-27 व 2024-28 में उन काॅलेजाें ने करीब 17 लाख रुपए वसूले. इसमें से विवि काे हिस्सा नहीं दिया. इस बाबत टीएमबीयू के रजिस्ट्रार प्राे रामाशीष पूर्वे ने काॅलेजाें काे पत्र भेजा है, जिसमें कहा कि गुरुवार तक राशि का हिसाब व विवि का हिस्सा भेजें. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जा सकती है.
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