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bhagalpur news. आपका बैंक खाता, ठगों का हथियार, एक गलती और आप बन जाएंगे अपराधी

साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपना लिया है. अब आम लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल अपराध के लिए कर रहे हैं

ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर

साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपना लिया है. अब आम लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल अपराध के लिए कर रहे हैं. कई बार खाता धारक को इसकी भनक तक नहीं लगती और अनजाने में वह खुद साइबर अपराध में फंस जाते हैं. वहीं अपराधी तक पुलिस का पहुंचना मुश्किल हो जाता है. क्योंकि वह आपके खाता का उपयोग म्यूल अकाउंट के रूप में करते हैं.

क्या है म्यूल अकाउंट

म्यूल अकाउंट उसे कहते हैं, जिसका उपयोग अपराधी चोरी या धोखाधड़ी से हासिल पैसे को सुरक्षित रखने के लिए करते हैं. इससे असली अपराधी की पहचान छिप जाती है और खाता धारक ही कानून के शिकंजे में आ जाता है.

कैसे फंसाते हैं ठग

ठग लोगों को आसान कमाई का लालच देते हैं. कहते हैं कि थोड़े पैसे आपके खाते में आएंगे, बस उन्हें आगे भेज देना है, बदले में कमीशन मिलेगा. वहीं दूसरा तरीका यह है कि ठग किसी अंजान खाते से आपके बैंक अकाउंट में पैसा भेज देते हैं और फिर फोन कर कहते हैं “गलती से ट्रांसफर हो गया, कृपया वापस कर दीजिए.” लोग मानवता दिखाकर रकम लौटा देते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि वह रकम किसी साइबर ठगी से जुड़ा था.

कैसे बनता है म्यूल अकाउंट

साइबर अपराधी लोन या किसी प्रकार के योजना का पैसा दिलाने के नाम पर कम पढ़े-लिखे लोगों का बैंक खाता खुलवाते हैं. इस दौरान अपराधी खाता में अपना नंबर रजिस्टर्ड करा कर बैंक खाता को अपने कब्जे में ले लेते हैं. और फिर खाते को साइबर क्राइम के लिए उपयोग करते हैं. इस तरीके से अपराधी म्यूल अकाउंट तैयार कर लेते हैं और पुलिस से बच जाते हैं.

क्या करें अगर खाते में आए अनजान पैसे

अगर आपके खाते में किसी अज्ञात स्रोत से पैसे आते हैं, तो न तो खर्च करें और न ही किसी अन्य को ट्रांसफर करें. तुरंत बैंक में जाकर लिखित आवेदन देकर स्थिति स्पष्ट करें. बैंक को जांच करने दें. साथ ही राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in), टॉल फ्री नंबर 1930 या नजदीकी साइबर थाना में सूचना दें.

क्या कहता है कानून

साइबर थाना प्रभारी के अनुसार, म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को भी अपराधी माना जाता है. आइटी एक्ट और आइपीसी की धाराओं के तहत जेल और जुर्माने दोनों का प्रावधान है.

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

साइबर डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव ने कहा कि “आसान कमाई” या “गलती से आए पैसे” के झांसे में नहीं आएं. थोड़ी सी लापरवाही आपकी पहचान को दागदार और भविष्य को बर्बाद कर सकती है. सतर्क रहें, क्योंकि आपकी एक गलती ठगों का हथियार बन सकती है और आपको अपराधी बना सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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