भागलपुर टीएमबीयू के नवनियुक्त सिंडिकेट सदस्य बैठक कर विवि की जमीन जांच के लिये बनी कमेटी पर आपत्ति जतायी है. इस दौरान डॉ मुश्फिक आलम, डॉ केके मंडल, असिस्टेंट प्रोफेसर निर्लेश कुमार व असिस्टेंट प्रोफेसर मुकेश कुमार ने शिक्षकों एवं विश्वविद्यालय की कुछ समस्या को लेकर विस्तार से चर्चा की. साथ ही विवि प्रशासन द्वारा कॉलेजों व विवि के अतिक्रमण किये गये जमीन की जांच के लिए बनी कमेटी पर आपत्ति दर्ज करायी है. सदस्यों ने कहा कि जमीन को लेकर गठित जांच कमेटी का संयोजक डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा को बनाया गया है, जो विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा पर संदेह पैदा करने वाला है. सर्वविदित है कि कमेटी के संयोजक विवि के संपदा अधिकारी या प्रॉक्टर को बनाना चाहिये था. सभी सिंडिकेट सदस्यों ने कुलपति से कमेटी पुनर्गठित करने की मांग की है. इसके अलावा विवि के सभी शिक्षकों को बकाया एरियर का भुगतान करने की भी मांग की. मंहगाई भत्ता का भुगतान आंतरिक स्रोत से करने की मांग सिंडिकेट सदस्यों ने कहा कि मुंगेर विश्वविद्यालय में जुलाई 2022 से जून 2024 तक का मंहगाई भत्ता का भुगतान आंतरिक स्रोत से किया गया है. ऐसे में टीएमबीयू के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पेंशनर को भी भुगतान किया जाये. कुलपति से अनुरोध करते हुए कहा कि नियम परिनियम को ध्यान में रखते हुए कमेटी का गठन करें. शिक्षक प्रतिनिधि के सामने जिन मुद्दों पर वह आश्वासन देते हैं, उनका त्वरित गति से समाधान किया जाये. परीक्षा ड्यूटी के समय क्लास से निकलकर बायोमेट्रिक से हाजिरी बनाना सही नहीं सिंडिकेट सदस्यों ने कहा कि कॉलेजों में शिक्षक परीक्षा ड्यूटी के दौरान कक्ष से निकलकर बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी बनाने जाते हैं, जो तकनीकी रूप से सही नहीं है. शिक्षक परीक्षा के प्रथम पाली के लिए 9.15 तक आ जाते हैं और द्वितीय पाली में जिनकी ड्यूटी होती है, जो 5.30 तक रहते हैं. इसमें भी शीघ्र कुलपति सुधार करने का आदेश जारी करे. कुलपति से विवि कार्यालय में बैठने का आरोप सिंडिकेट सदस्यों ने कुलपति से अनुरोध किया कि वह विवि कार्यालय में बैठकर अपने कार्यों का संपादन करे, ताकि शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों को अपनी समस्या व कार्यों के निष्पादन में आसानी हो सके. ऑफिस में नहीं बैठने के कारण सभी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. आवासीय कार्यालय में किसी को भी कुलपति से मिलने में कठिनाई होती है.
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