घोघा थाना क्षेत्र के पन्नूचक गांव में मंगलवार को दिनदहाड़े एक ईंट भट्ठा मालिक के घर में जबरन घुस कर रंगदारी मांगने पहुंचे कुख्यात अपराधी को उसी के हथियार से चार गोलियां लग गयी. गंभीर रूप से घायल अपराधी को मायागंज अस्पताल से पटना रेफर किया गया है. घटना मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे घोघा थाना क्षेत्र अंतर्गत पन्नूचक गांव की है. एक ईंट भट्ठा के मालिक विनोद यादव के घर हथियारबंद अपराधी टिभा मंडल अपने दो सहयोगियों के साथ दो लाख रुपये की रंगदारी मांगने पहुंचा था. उस समय घर में केवल विनोद यादव की पत्नी और बच्चे मौजूद थे. आरोप है कि टिभा मंडल ने गाली-गलौज करते हुए रंगदारी की मांग की और विनोद यादव को बुलाने का दबाव बनाया. घटना की सूचना मिलते ही विनोद यादव अपने तीन भाइयों के साथ ईंट भट्ठा से घर पहुंचे. इस दौरान अपराधी और भट्ठा मालिक पक्ष के बीच छीनाझपटी शुरू हो गयी. हाथापाई में टिभा मंडल के कट्टे से अचानक गोली चल गयी. एक गोली उसके पेट को चीर पीठ से बाहर निकल गयी, जबकि तीन अन्य गोलियां शरीर के अलग-अलग हिस्सों में लगीं. चार गोलियां लगने से टिभा मंडल गंभीर रूप से जख्मी हो गया. गोली की आवाज सुनकर बाहर खड़ा उसका एक साथी बाइक से फरार हो गया और अन्य सहयोगियों को सूचना दे दी. करीब 20 मिनट में लगभग 10 की संख्या में अपराधी मौके पर पहुंचे और व्यवसायी के घर पर हमला कर दिया. हमलावरों ने ईंट-पत्थर चलाए और आधा दर्जन से अधिक फायरिंग की. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गयी. परिजनों ने घोघा थाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही टिभा मंडल के गुर्गे ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए उसे लेकर भागलपुर की ओर फरार हो गये. मायागंज अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए पटना रेफर कर दिया. सूचना मिलते ही घोघा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. एफएसएल टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाये. कहलगांव एसडीपीओ कल्याण आनंद भी घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से पूछताछ की. एसडीपीओ ने बताया कि टिभा मंडल विनोद यादव से दो लाख रुपये की रंगदारी मांगने आया था और छीनाझपटी में उसे चार गोलियां लगी हैं. आवेदन और बयान पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. घायल टिभा मंडल घोघा इलाके का कुख्यात अपराधी है, जो एक माह पूर्व ही जमानत पर जेल से बाहर निकला था. उसके खिलाफ भागलपुर जिले के विभिन्न थानों में हत्या, फिरौती और रंगदारी से जुड़े कुल 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसने करीब 15 वर्ष पूर्व अपने ही चचेरे भाई की गोली मार कर हत्या की थी, जिसके बाद वह अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया और पूरे इलाके में दहशत का पर्याय बन गया.
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