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bhagalpur news. गंगा में प्रदूषण रोकने वाले एसटीपी की नयी समय सीमा तय, फरवरी तक होगा तैयार

गंगा में गिरने वाले गंदे पानी को ट्रीट कर उपयोगी बनाने के लिए बनाये जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की समय सीमा एक बार फिर बढ़ा दी गयी है

गंगा में गिरने वाले गंदे पानी को ट्रीट कर उपयोगी बनाने के लिए बनाये जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की समय सीमा एक बार फिर बढ़ा दी गयी है. अब यह परियोजना फरवरी 2026 तक पूरी होगी. पहले सितंबर 2025 तक अंतिम समय सीमा तय की गई थी, लेकिन गंगा किनारे पंपिंग स्टेशन के निर्माण पर वन विभाग की ओर से रोक लगाने के कारण काम अटक गया. परियोजना के जिम्मेदार अधिकारियों के अनुसार हाल ही में क्लीयरेंस राशि जमा कर दिया गया है और अब वन विभाग से एनओसी भी मिल गयी है. हालांकि, आचार संहिता लागू होने की वजह से निर्माण कार्य नहीं कराने को कहा गया है. आचार संहिता समाप्त होने के बाद बूढ़ानाथ से बरारी के बीच पांच पंपिंग स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू होगा. बुडको ने ठेका एजेंसी को दिया काम शुरू करने का निर्देश बुडको ने ठेका एजेंसी को काम शुरू करने का निर्देश दे दिया है, ताकि आचार संहिता समाप्त होते ही निर्माण पुनः गति पकड़ सके. गंगा किनारे बूढ़ानाथ से बरारी के बीच कुल पांच पंपिंग स्टेशन का निर्माण होना है. 45 एमएलडी क्षमता का प्लांट अब भी अधूरा 45 एमएलडी क्षमता वाला यह एसटीपी शहर की सीवरेज सिस्टम के लिए बेहद अहम है. पहले पांच पंपिंग स्टेशनों के निर्माण के आधार पर 25 एमएलडी क्षमता के साथ इसे आंशिक रूप से चालू करने की योजना थी, मगर कई तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण यह संभव नहीं हो सका. अधिकारियों का कहना है कि नयी समय सीमा के अंदर सभी कार्यों को पूर्ण कर एसटीपी को पूरी क्षमता से चालू करने की तैयारी है. ये कार्य होना बाकी – पंपिंग स्टेशन का निर्माण – शहर की नालियों के मुहाने को मोड़ कर पंपिंग स्टेशन तरफ करना – एटीटीपी बिल्डिंग में मशीनरी उपकरणों का इंस्टॉलेशन – एसटीपी परिसर में सड़कों का निर्माण – अंडरग्राउंड केबलिंग – बिजली वायरिंग दावा : 93.39 प्रतिशत कार्य पूर्ण बुडको ने दावा किया है कि एसटीपी का निर्माण कार्य 93.39 प्रतिशत पूर्ण हो गया है. बताया कि पहले ही 77.60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. 15.79 प्रतिशत कार्य हाल के कुछ दिन पहले पूरा हुआ है और कार्य की उपलब्धता के आधार पर फंड के लिए बिल भेजा गया है. बुडको ने जमा की है क्लीयरेंस राशि 8.26 करोड़ बूढ़ानाथ से बरारी तक गंगा किनारे बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट (एसटीपीए) के तहत पंपिंग स्टेशन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. बुडको ने वन्यप्राणी क्लीयरेंस के लिए आठ करोड़ 26 लाख 58 हजार रुपये वन विभाग को जमा कर दिया है. यह राशि वन्यजीव शमन उपाय (डब्ल्यूएमएम) के लिए कैंपा फंड के तहत प्रोटेक्स एरियर में एडिशनल चार्ज के रूप में दी गयी है. दरअसल, एसटीपी के लिए कुल 10 पंपिंग स्टेशन बनाये जाने हैं, जिनमें अब तक पांच का ही निर्माण पूरा हो सका है. शेष पांच पंपिंग स्टेशन बूढ़ानाथ से बरारी के बीच गंगा किनारे नहीं हो सका हैं. निर्माण कार्य पर वन विभाग ने रोक लगायी थी. एसटीपी प्रोजेक्ट एक नजर में प्राेजेक्ट राशि : 413.29 करोड़ रुपये एग्रीमेंट राशि : 385.09 करोड़ रुपये कंस्ट्रक्शन राशि : 274.29 करोड़ रुपये ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस राशि 67.80 करोड़ रुपये बिजली इंस्टॉलेशन राशि : 43 करोड़ रुपये 15 सालों तक मेंटेनेंस कराना अनिवार्य एसटीपी निर्माण करा रही ठेका एजेंसी का कार्य पूर्ण होने के 15 सालों तक मेंटेनेंस कराना अनिवार्य होगा. बुडको की ओर बताया गया कि यह अनिवार्यता एग्रीमेंट में शामिल हैं. कोट वन विभाग को क्लीयरेंस राशि पहले ही जमा कर दिया गया है और उनसे अब एनओसी भी मिल गया है. आचार संहिता के बाद काम करने की बात कही गयी है. अब नयी डेडलाइन फरवरी 2026 निर्धारित कर दी गयी है. अखिलेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता बुडको, भागलपुर

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