मृत्युंजय कुमार, कहलगांव
नमामि गंगे योजना के तहत कहलगांव नगर पंचायत क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे मुक्ति धाम घाट के नजदीक 48.20 करोड़ की लागत से एसटीपी परियोजना का निर्माण हो रहा है.2019 में स्वीकृत इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के विभिन्न नालों से बहने वाले गंदे व दूषित पानी को शुद्ध करना है, ताकि गंगा में शहर का गंदा पानी प्रवाहित नहीं हो सके. साथ ही इस साफ पानी का उपयोग उपयोग खेती व अन्य कार्यों में किया जा सके. छह एमएलडी क्षमता वाली इस परियोजना की जिम्मेदारी बुडको को दी गयी है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के साथ पांच आईपीएस का निर्माण व सात किलो मीटर पाइप बिछाने का काम करना है. फरवरी 2024 से कार्य आरंभ हो चुका है. बिहार सरकार ने परियोजना निर्माण के लिए 17.47 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं. विभागीय लचर व्यवस्था व सरकारी उदासीनता से कार्य की गति काफी धीमी है. पांच आईपीएस में सिर्फ एक काली घाट वाले आईपीएस का काम चालू है. शेष चार आईपीएस निर्माण को लेकर संवेदक को विभागीय अनुमति का इंतजार है. सरकार की ओर से सितंबर 2025 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है.योजना के तहत कहां-कहां क्या बना है और उसकी क्या है वर्तमान स्थिति
-शहर में पांच जगहों पर आईपीएस का निर्माण होना है. पहला काली घाट, दूसरा राज घाट, तीसरा बाबूटोला (पुराना बर्निंग घाट), चौथा डंपिंग यार्ड व पांचवां पप्पू घाट है. कंपनी के अधिकारी ने बताया कि दो, तीन व पांच जगहों की जमीन चिह्नित है, लेकिन वन विभाग से मंजूरी नहीं मिली है, लिहाजा इन जगहों पर काम शुरू नहीं हुआ है. चौथे आईपीएस के निर्माण लिए नगर पंचायत व अंचल कार्यालय से भूमि का एंनओसी नहीं मिला है. एकमात्र काली घाट पर बनने वाले आईपीएस वन पर कार्य जारी है. करीब 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है. – शहर के मुक्तिधाम के निकट छह मेगा लीटर पर डे क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण जारी है. करीब 60 फीसदी काम हुआ है.-गंगा नदी के किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एरिया से करीब 150 मीटर तक बाढ़ निरोधी दीवार का निर्माण होना है. कार्य करीब-करीब पूरा है. इस पर स्टोन लगाने का काम बाकी है.
– शहर में योजना के तहत सात किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का काम तेजी से जारी है. करीब 65 फीसदी काम हो चुका है. कुछ एरिया में अभी क्लीयरेंस मिलना बाकी है.कहलगांव में उत्तर वाहिनी गंगा का बढ़ेगा महत्व, पर्यटकों की संख्या में होगी वृद्धि
कहलगांव का यह क्षेत्र उत्तर वाहिनी गंगा के लिए प्रसिद्ध है. बटेश्वर स्थान तक फैली गंगा की धारा धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इस क्षेत्र में डॉल्फिन अभ्यारण्य भी है, जहां गंगा नदी की विलुप्तप्राय गंगा डॉल्फिन पायी जाती हैं. गंगा को स्वच्छ रखने से यहां के जलीय जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को बड़ा लाभ मिलेगा. यदि यह परियोजना समय पर पूरी होती है, तो यह पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी. उत्तर वाहिनी गंगा के धार्मिक महत्व, प्रसिद्ध शैव स्थल बटेश्वरस्थान मंदिर व डॉल्फिन अभ्यारण्य को देखने पर्यटक कहलगांव की ओर रुख कर सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है