अजगैबीनाथ साहित्य मंच के कार्यक्रम में दो दर्जन कवियों ने प्रस्तुति की अपनी रचना
प्रतिनिधि, सुलतानगंज
शहर के बालू घाट रोड में दरबारी सिंह मवि सुलतागंज प्रांगण में अजगैबीनाथ साहित्य मंच सुलतागंज के तत्वावधान में होली मिलन पखवाड़ा के तहत कवि गोष्ठी हुई. अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष भवानंद सिंह प्रशांत व संचालन बरियारपुर से पहुंचे कवि गजलकार शशि आनंद अलबेला ने किया. मुख्य अतिथि कवि महेन्द्र निशाकर, विशिष्ट अतिथि कवि सुधीर प्रोग्रामर, सुनील पटेल, संजीव प्रियदर्शी, त्रिलोकीनाथ दिवाकर, कुमार गौरव, ज्योतिष चंद्र थे. सभी कवियों ने मंच के स्मृति शेष कवि हीरा प्रसाद हरेन्द्र व गजलकार दिलीप कुमार सिंह दीपक को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. कवि गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचना से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया. डॉ मनीष चौरसिया ने कहा कहीं आंधी है, कहीं तूफान, वतन के लिए जिये यही सम्मान है. कवियत्री उषा किरण साहा ने कत्ते बेटी अर्थी चढ़लै, नै चढ़लै ऊ डोली में सुनाकर लोगों को भावुक कर दिया. सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने कहा मटकी मारै नजर ओकरा के, मनवां होलै हुलार संग झूमी के. त्रिलोकी नाथ दिवाकर के साथ ही कई कवियों ने इस दौरान अपनी प्रस्तुति दी.मुहब्बत मुस्कुराओ कि रात है चांदनी में, मुहब्बत और करीब आओ कि राज है चांदनी में
नागमणि ने कहा जानवर के वंशज का उपजा आदमी बड़ा कमाल है, बगैर आदमीयत का आदमी कमाल है. रात है चांदनी में, मुहब्बत और करीब आओ…भवानंद सिंह प्रशांत ने कहा मुहब्बत मुस्कुराओ कि रात है चांदनी में, मुहब्बत और करीब आओ कि राज है चांदनी में. दुनिया का सबसे मजबूत कंधा होता है पिता, पिता है तो जीवन बेहद है. शशि आनंद अलबेला, डॉ श्यामसुंदर आर्य, सच्चिदानंद किरण, सुनील पटेल, अजीत कुमार शांत, रेवतीरमण, ज्योतिष चंद्र, मनीष कुमार गूंज, युवा कवि रौशन भारती, रामस्वरूप मस्ताना, अमरेंद्र कुमार, ध्रुव कुमार आदि ने कार्यक्रम में भाग लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

