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bhagalpur news. चार कॉलेजों की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में कमेटी ने शुरू की जांच

टीएमबीयू के चार कॉलेजों की संपत्ति पर अवैध कब्जा मामले को लेकर जांच कमेटी की बैठक बुधवार को सिंडिकेट हॉल में हुई

भागलपुर टीएमबीयू के चार कॉलेजों की संपत्ति पर अवैध कब्जा मामले को लेकर जांच कमेटी की बैठक बुधवार को सिंडिकेट हॉल में हुई. साथ ही भैरवा तालाब को स्मार्ट सिटी कंपनी को देने व विवि-कॉलेजों को बैंक में जमा की गयी राशि के इंटरेस्ट के मामले को लेकर भी कमेटी ने जांच शुरू कर दी है. उक्त सभी मामलों की मूल फाइल, जमीन का दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट संबंधित कागजात कॉलेजों से मांगी गयी है. एसएम कॉलेज के 50 एकड़ जमीन की होगी मापी सूत्रों के अनुसार एसएम कॉलेजों के दस्तावेज के आधार पर 50 एकड़ में कॉलेज है. इसमें 48 एकड़ जमीन व दो एकड़ जमीन सड़क के आर-पार छोड़ पर स्थित है. जानकारी के अनुसार कॉलेज से जब रसीद के बारे में जानकारी मांगी गयी, तो बताया गया कि 2012 तक 50 एकड़ भूमि की रसीद कटाई गयी है, लेकिन उसके बाद रसीद नहीं कटा है. कमेटी के सदस्यों ने 50 एकड़ जमीन होने पर आश्चर्य जताया. कॉलेज प्रशासन से कहा कि अंचल अधिकारी को आवेदन देकर कॉलेज के जमीन की मापी कराये. जो लोग जमीन का अतिक्रमण कर रखा है. खाली करने के लिए कहा जायेगा. कमेटी के सदस्य प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने बताया कि इसके बाद भी अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जाता है, ताे उनलोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. पीबीएस कॉलेज को 18 एकड़ जमीन पीबीएस कॉलेज बांका को 18 एकड़ जमीन है, लेकिन बैठक में 11 एकड़ का ही म्यूटेशन दिखाया गया है. जबकि एसएसवी कॉलेज कहलगांव के पास लगभग 20 एकड़ जमीन होने की बात कही गयी है. वहीं, उदाकिशुनगंज में भी कॉलेज के नाम 51 एकड़ जमीन होने की बात सामने आ रही है. इसकी जानकारी नहीं होने की बात बतायी गयी. दूसरी तरफ ओल्ड इवनिंग कॉलेज वर्तमान में बीएन कॉलेज की भी जमीन के बारे में भी दस्तावेजों को खंगाला गया. भैरवा तालाब का एग्रीमेंट, समय सीमा अंकित नहीं भैरवा तालाब मामले में भी जांच शुरू हो गयी. भैरवा तालाब को लेकर विवि व नगर निगम को लेकर हुए एग्रीमेंट की फाइल नहीं मिल रही थी. इसे लेकर जांच कमेटी के सदस्य संबंधित कर्मचारी पर बरस पड़े. इसके बाद फाइल खोज कर कमेटी के समक्ष पेश किया गया. बताया जा रहा है कि विवि व नगर निगम से एग्रीमेंट है, लेकिन समय सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है. एग्रीमेंट में प्रतिवर्ष स्मार्ट सिटी योजना के तहत विवि को 20 लाख रुपये का भुगतान करना था, जो आठ साल ने नहीं किया गया है. ऐसे में विवि को अबतक एक करोड़ 60 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इस बाबत जांच कमेटी के सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की. ब्याज की राशि में गड़बड़ी के आरोप कमेटी ने बैंक द्वारा ब्याज की राशि में की जाने वाली गड़बड़ी के आरोपों की भी जांच शुरू कर दी है. बैंक अधिकारी जांच कमेटी के समक्ष 21 विभागों का स्टेटमेंट लेकर पहुंचे थे. कमेटी के सदस्य ने कहा कि वह सभी 36 विभागों का स्टेटमेंट साथ लेकर आये. सदस्यों ने कहा है कि मामले की जांच उच्च स्तरीय करायी जायेगी.

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