ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर. कॉलेजों में इस बार इंटरमीडिएट के छात्रों का आखिरी सत्र था. अब सिर्फ स्कूलों में ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई हो रही है. ऐसी स्थिति में विगत वर्षों में इंटरमीडिएट के परिणामों पर नजर डालें तो पता चलेगा कि कॉलेजों का परिणाम स्कूलों की तुलना में बेहतर रहा है. इस वर्ष भी तीनों संकाय के नौ टॉपरों में आठ टीएनबी व मारवाड़ी कॉलेज के ही हैं. वर्ष 2024 में भी अधिकांश टॉपर कॉलेजों से ही मिले थे. जबकि मौजूदा सत्र से इंटर की पढ़ाई जिले के 284 पल्स टू स्कूलों पर ही आश्रित है. वर्तमान में गांवों के स्कूल में अब प्रयाप्त शिक्षक हैं तो दूसरी तरफ शहर के प्रतिष्ठित और गौरवशाली अतीत वाले स्कूलों में शिक्षकों की घोर किल्लत है. ऐसी स्थिति में 2025 में शिक्षा विभाग को बेहतर रिजल्ट प्राप्त करने के लिए पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार लाना होगा, जहां शिक्षक कम हैं, वहां शिक्षकों को भेजना होगा और पठन पाठन की सतत निगरानी करनी होगी. टॉपर भले ही कम हुए, लेकिन पास करने वालों की संख्या बढ़ी जिले में इस बार टॉपरों का सूखा जरूर रहा, लेकिन पास करने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है. मालूम हो कि पिछले सात वर्षों से राज्य और जिले के स्तर पर साल दर साल रिजल्ट में बढ़ोतरी हो रही है. इस वर्ष इंटर की परीक्षा पास करने वालों की संख्या में तीन से चार फीसदी बढ़ोत्तरी होने की बात कही जा रही है. जबकि विद्यार्थियों की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है. मालूम हो कि वर्ष 2023 में 41838 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. वर्ष 2024 में 39493 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. इस वर्ष 41408 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी है. कहते हैं टीएनबी के प्राचार्य टीएनबी के प्राचार्य डॉ एसएन पांडेय ने कहा कि उनके संस्थान में अच्छे शिक्षक हैं और डेली क्लास पर बहुत ही ज्यादा ध्यान दिया. कभी क्लास को स्थगित नहीं होने दिया. महाविद्यालय का पहला ध्येय पठन-पाठन को ही बनाया. यही कारण है साइंस और आर्ट संकाय के सभी टॉपर उनके ही कॉलेज के हैं. अब स्कूलों में ही इंटर की पढ़ाई होनी है, जिले में स्कूलों पर अब विशेष ध्यान देने की जरूरत है. तभी जिले के छात्र अच्छा रिजल्ट आने का क्रम जारी रह पायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

