हर्षोल्लास व पारंपरिक तरीके से जिले के अधिकतर स्थानों पर गुरुवार को धूलखेल व होलिका दहन हुआ. इसके साथ ही होली का शुभारंभ हो गया. शुक्रवार रंगोत्सव का पर्व होली मनाया जायेगा. हालांकि कई स्थानों पर शुक्रवार को धूलखेल-होलिका दहन और शनिवार को रंगोत्सव होली मनायी जायेगी. शहर में पंजाबी, बंगाली, मारवाड़ी एवं बिहारी समेत विभिन्न समाज के लोगों ने अपने-अपने तरीके से होलिका दहन का आयोजन किया गया. कई जगह होली मिलन समारोह आयोजित किया गया. होलिका दहन को लेकर बाजार में बिके अंडी-बगंडी का डंडा व चना व गेहूं का झाड़ बाजार में गेहूं का शीश 10 रुपए मुट्टी, चना का झाड़ 20 रुपये मुट्ठी, अंडी-बर्गही 10 रुपये डंडा बिके. इसके अलावा मारवाड़ी बहुल क्षेत्र में गोबर के उपले, बड़कुल्ले आदि की बिक्री हुई. चौक-चाैराहे व ग्रामीण क्षेत्र के मैदान में हुआ होलिका दहन शहर के विभिन्न चौक-चौराहे बरारी, आदमपुर, दीपनगर, सराय, कंपनीबाग, परबत्ती, साहेबगंज, मिरजानहाट, अलीगंज, नरगा, चंपानगर आदि जगहों पर लोगों ने होलिका दहन का आयोजन किया. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के मैदान में शाम को लोगों की टोली झाल और हारमोनियम लेकर होरी गाते हुए होलिका दहन के स्थान पर गयी. मारवाड़ी महिलाओं ने चौक-चौराहे पर की पूजा-अर्चना मारवाड़ी बहुल क्षेत्र खलीफाबाग चौक, कोतवाली, चुनिहारी टोला, नया बाजार, मारवाड़ी टोला लेन, आनंद चिकित्सालय रोड, लहेरी टोला आदि में होलिका दहन के दिन महिलाओं ने व्रत रखा. होलिका दहन वाले स्थान पर गोबर के उपले के जयमाल को भक्त प्रह्लाद मान कर पूजा की. रात्रि में होलिका दहन के लिए सपरिवार मारवाड़ी समाज के लोग इकट्ठे हुए. विधिवत पूजन कर होलिका दहन हुआ. मारवाड़ी समुदाय में होलिका दहन से ही होली की शुरुआत की.
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