भागलपुर टीएमबीयू के पूर्व रजिस्ट्रार सह पीजी मनोविज्ञान विभाग के हेड डॉ निरंजन प्रसाद यादव के प्रोन्नति मामले की सुनवाई राजभवन में जल्द शुरू हो सकती है. इसे लेकर टीएमबीयू से एक सप्ताह के अंदर प्रोन्नति से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा है. दरअसल, सबाैर काॅलेज के मनाेविज्ञान विभाग के पूर्व शिक्षक डॉ राजीव रंजन सिंह ने मामले को हाइकोर्ट लेकर गये थे, जहां से 20 जनवरी काे निर्णय आया था. इसमें कहा गया था कि राजभवन स्तर से मामले को देखा जाये. जस्टिस अंजनी कुमार शरण के काेर्ट ने यह निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता राजीव रंजन सिंह तीन सप्ताह के अंदर राजभवन में मामले को रखें. इस बाबत राजीव रंजन सिंह के अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार झा ने छह फरवरी काे राजभवन काे पत्र लिखकर काेर्ट के आदेश की जानकारी दी थी. पहले भी प्रमोशन को लेकर उठ चुके हैं सवाल पूर्व रजिस्ट्रार के प्रोन्नति का मामला पहले विवि स्तर पर उठाया गया था. जब विवि स्तर से इस दिशा में काेई कार्रवाई नहीं हुई, तो मामला काेर्ट पहुंच गया था. बताया जा रहा है कि दूसरे विवि से टीएमबीयू आने व समय से पहले प्रमोशन लेने का मामला है. आरोप लगाया जा रहा है कि प्रमोशन के आधार पर रजिस्ट्रार नियुक्त हुए. आवेदनकर्ता का आरोप है कि रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए डॉ राजीव रंजन सिंह के पीजी मनाेविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष बनने की प्रक्रिया को प्रभावित किया. लेक्चरर से सीनियर स्केल में किया गया था प्रमोशन – याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि निरंजन प्रसाद यादव की नियुक्ति मगध विवि में हुई थी. राजभवन से उनका तबादला टीएमबीयू में 15 अक्टूबर 2008 काे किया गया था. टीएमबीयू ने पीबीएस काॅलेज बांका में उनकी पाेस्टिंग छह दिसंबर 2008 में कर दिया था. इसकी अधिसूचना 20 जनवरी 2009 विवि से जारी की गयी थी. फिर टीएमबीयू में कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत लेक्चरर से सीनियर स्केल में प्रमोशन दिया गया था. विवि से इसकी अधिसूचना 27 फरवरी 2013 काे जारी की गयी थी. जबकि विवि एक्ट के तहत डॉ निरंजन प्रसाद यादव को मूल विवि से ही प्रमोशन मिलना था, लेकिन विवि से नियम का उल्लंघन कर उन्हें प्रमोशन दिया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान में एसएम कॉलेज मनोविज्ञान की एक शिक्षिका ने टीएमबीयू में योगदन दिया था. नियम का पालन करते हुए टीएमबीयू से ही प्रोन्नति दी गयी थी. वर्तमान में शिक्षिका ने तबादला पटना विवि में करा लिया है. ऐसे में निरंजन प्रसाद यादव को भी मूल मगध विवि से ही प्रमोशन मिलना था. प्रमोशन को लेकर सारे नियम का हुआ पालन डॉ निरंजन प्रसाद यादव ने कहा कि प्रमोशन को लेकर सारे नियम का पालन किया गया है. संबंधित सारे दस्तावेज सही है. कहा कि राजभवन के आदेश पर ही मगध विवि से टीएमबीयू में उनका तबादला हुआ था. सरकार के नियम का पालन करते हुए ही उन्हें प्रमोशन दिया गया है. बेवजह कुछ लोग मामला को तूल देने में लगे है. कहा कि रजिस्ट्रार को अधिकार नहीं है कि किसी को हटाये. उस समय सरकार से जो पत्र विवि को प्राप्त हुआ था, पालन किया गया. कहा कि मामले को लेकर वे भी एलपीए में जा चुके हैं.
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