भागलपुर
राज्यपाल समेत अन्य अतिथियों को बीएयू की तरफ से पौधा भेंट कर और मखाना की एक बड़ी माला से पहना कर स्वागत किया गया. सभा की शुरुआत दीप जला कर और राष्ट्रगान से की गयी. कार्यक्रम में जीआई टैग प्राप्त करने वाले भागलपुर के कतरनी धान, जर्दालू आम, मगही पान, मिथिला मखाना और शाही लीची पर डाक टिकट का लोकार्पण किया गया. विश्वविद्यालय के वरीय वैज्ञानिकों द्वारा रचित स्मारिका कृषि उद्यमिता से समृद्ध किसान, कृषि सेवा प्रदाता एक व्यावहारिक पुस्तिका, समेकित पोषक तत्व के विभिन्न आयाम, समृद्ध केचुआ खाद और वार्षिक कृषि कैलेंडर का विमोचन किया गया. बीएयू ने भगवान से भगवान तक के संकल्प के अनुरूप मंदिरों में भगवान को अर्पित फूलों से बनी अगरबत्ती, गुलाल और रंग जैसे उत्पाद का भी लोकार्पण किया. मंच संचालन अन्नू कर रही थीं तो निदेशक बीज डॉ फिजा अहमद के धन्यवाद ज्ञापन के बाद सभा का समापन किया गया.
एग्री-ग्लेम्स की हुई शुरुआत
सी-डैक के सहयोग से कृषि में रुचि रखने वाले लोगों और कृषि छात्रों की बहुमुखी विकास के लिए एग्री-ग्लेम्स का शुभारंभ किया गया. इसके द्वारा क्विज और गेम के माध्यम से कृषि के ज्ञान को बढ़ाया जा सकेगा.
सम्मानित होने वाले किसान
प्रिया सोनी, सरोज देवी, पूनम कुमारी, कुमारी संगीता, सरिता कुमारी, विनोद कुमार सिंह, प्रदीप कुमार चौरसिया (कटिहार), पंकज कुमार मेहता (सुपौल), सुजीत राव, धनेश कुमार को मेडल और सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया गया.
चार वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानित
केवीके सबौर के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ मो जियाउल होदा, केवीके सहरसा के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ पंकज कुमार रे, कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कीट वैज्ञानिक डॉ तारकनाथ गोस्वामी, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर बायो टेक्नोलॉजी की डॉ साजिदा बानो को मेडल और सम्मान पत्र दे कर पुरस्कृत किया गया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूमे किसान
छात्रों द्वारा देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में गणेश वंदना, लोक नृत्य और होली की प्रस्तुति दी गयी. मालूम हो कि मेले में 150 से अधिक स्टॉल और प्रदर्शनी लगायी गयी थी.
उद्यान प्रदयर्शनी बना आकर्षण का केंद्र
मेले का मुख्य आकर्षण उद्यान प्रदर्शनी रहा. बड़ी संख्या में कृषक उद्यान प्रदर्शनी को देखते नजर आये. किसान प्रदर्शनी की सराहना भी कर रहे थे. इसमें सब्जी, फल, पुष्प एवं प्रसंस्कृत, उत्पाद के विभिन्न वर्गों एवं शाखाओं में किसानों के प्रादर्श लगाये गये थे. जबकि फलों के पुष्प विन्यास, बोन्साई, कैक्टस तथा राज्य में संभावित अन्य फलों को भी प्रदर्शित किया गया. विभिन्न वर्गों खंडों में किसानों के द्वारा 1100 से ज्यादा प्रादर्श लगाये गये.
मधुरेंद्र के सेंड आर्ट को मिली सराहना
बीएयू के बिहार किसान मेला में सेंड आर्ट के माध्यम से हर भारतवासी के थाल में बिहार का एक व्यंजन कलाकृति के माध्यम से चंपारण निवासी आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने किसानों को जागरूक करने का प्रयास किया. मधुरेंद्र की कलाकृति की राज्यपाल समेत अन्य अतिथियों ने सराहना की.
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