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bhagalpur news. दुर्गापूजा : महालया के साथ हुआ मां दुर्गा का आवाहन, आज होगी घर-घर कलश स्थापना

सोमवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रोच्चार के साथ नवरात्र दुर्गापूजा के लिए विधिपूर्वक कलश स्थापित किया जायेगा

पितृपक्ष अमावस्या अर्थात पितृपक्ष समापन के साथ रविवार को मां दुर्गा का आवाहन किया गया. सोमवार को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रोच्चार के साथ नवरात्र दुर्गापूजा के लिए विधिपूर्वक कलश स्थापित किया जायेगा. इसके साथ ही पहली पूजा शुरू हो जायेगी. इसी कलश पर षष्ठी तक सभी पूजा होगी. महासप्तमी के प्रात:काल से प्रतिमाओं में पत्रिका प्रवेश के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कर विजया दशमी तक पूजा होगी. महालया को लेकर पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा गाये गये दुर्गा सप्तशती पाठ का किया गया श्रवण नवरात्र को लेकर शहर में भक्ति का माहौल बनने लगा है. कहीं मां दुर्गा के गीत बज रहे हैं, तो कहीं मंदिरों व घर-मोहल्लों की साफ-सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है. रविवार को सुबह उठ कर श्रद्धालुओं ने पश्चिम बंगाल के पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा गाये दुर्गा सप्तशती का पाठ का श्रवण किया. बिहार बंगाली समिति, बरारी शाखा के अध्यक्ष तरुण घोष ने बताया कि महालया मां दुर्गा का आह्वान के रूप में मनाया गया. दुर्गाबाड़ी के संयुक्त सचिव निरूपमकांति पाल बताया कि दुर्गाबाड़ी में भी प्रात: चार बजे महालया के अवसर पर लोगों ने रेडियो पर चंडी पाठ का श्रवण किया. सभी लोग पूजन कार्य को लेकर जुट गये. काजीपाड़ा बरारी के अशोक सरकार ने बताया कि वर्षों पहले पश्चिम बंगाल के पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया, उन्हीं की आवाज में आज भी कैसेट व रेडियो के माध्यम से लोगों ने भक्ति भाव चंडी पाठ सुना. शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ 22 सितंबर से होगा. इस दिन घटस्थापना मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक है. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है. साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं. कलश स्थापना की सामग्री पंडित अंजनी शर्मा ने बताया कि कलश स्थापना के लिए गंगा जल के साथ पंचरत्न (स्वर्ण, हीरा, पद्मराज, सप्तमृतिका, पंचपल्लव, सर्वोषधि, रक्तवस्त्र(लाल सालूक), नारियल के साथ ये सभी वस्तुएं वेद मंत्रोच्चार द्वारा मिट्टी के कलश में दिया जाना चाहिए. दुर्गा सप्तशती पुस्तक की बढ़ी बिक्री महालया अर्थात मां का आवाहन पूजन हुआ. बाजार में दुर्गा सप्तशती पाठ की पुस्तक, मां दुर्गा की फोटो, पश्चिम बंगाल के पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा गाये दुर्गा सप्तशती का पाठ के सीडी कैसेट की खूब बिक्री हुई. नवरात्र को लेकर गंगा तटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ नवरात्र को लेकर शहर के विभिन्न गंगा तटों बूढ़ानाथ, एसएम काॅलेज सीढ़ी घाट, मायागंज विसर्जन घाट, बरारी पुल घाट व सीढ़ी घाट में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. दूसरी ओर पितृपक्ष के समापन पर रविवार को लोगों ने पितरों का तर्पण किया. पंडित शंकर मिश्रा ने बताया कि अश्विन मास के कृष्ण पक्ष के 15 दिन पितृ पक्ष के नाम से विख्यात है.

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