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bhagalpur news. दो बार बनी कमेटी, तीन बार बैठक, जांच वही की वही

टीएमबीयू में आयोग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच होनी है

भागलपुर

टीएमबीयू में आयोग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच होनी है. इसे लेकर दो बार कमेटी बन चुकी है. दोनों कमेटी ने कुल तीन बार बैठक की, लेकिन जांच वही का वही है. हालांकि, दूसरी बार बनी जांच कमेटी के संयोजक प्रो संजय कुमार झा का दावा है कि जांच जारी है. इससे पहले डीएसडब्ल्यू के नेतृत्व में कमेटी गठित की गयी थी. उस कमेटी ने एक बार मामले को लेकर बैठक की थी.

बता दें कि शिक्षा विभाग ने राजभवन को पत्र भेजकर आयोग से नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच कराने के लिए कहा आग्रह किया था. इस बाबत राजभवन ने टीएमबीयू सहित सूबे के अन्य विवि को पत्र भेज कर जांच कर 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी थी. साथ ही अर्थशास्त्र, भूगोल व फिजिक्स विषय में टीएमबीयू में नियुक्त हुए आठ शिक्षकों का नाम भी भेजा है. उन शिक्षकों का अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच कर रिपोर्ट मांगी गयी है. पत्र में कहा गया कि जांच में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई करते हुए राजभवन को इसकी सूचना दें. दूसरी जांच कमेटी में प्रो संजय कुमार झा संयोजक, डॉ पवन कुमार सिन्हा व डॉ अतुल चंद्र घोष है.

नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप में शिक्षक जायेंगे कोर्ट के शरण में

आयोग से नियमित प्राचार्य की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगने लगा है. इस बाबत विवि के शिक्षक कोर्ट के शरण में जायेंगे. नाम नहीं छापने के शर्त पर शिक्षक ने कहा कि उनका एकेडमिक अच्छा रहने के बाद भी चयन नहीं किया गया. आरोप है कि उनसे कम एकेडमिक वाले शिक्षक का कैसे चयन किया गया. ऐसे में न्याय की मांग कोे लेकर कोर्ट के शरण में जायेंगे.

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा समाजशास्त्र सहित अन्य विषयों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, धांधली, मनमानी व निजी स्वार्थ के तहत बहाली का कार्य करने का आरोप लगा है. यह नियमावली का खुला उल्लंघन है. बहाली की जांच सीबीआई से करायी जाये. बड़ा घोटाला सामने आयेगा. एक ही शोध प्रकाशन में एक अभ्यर्थी को अंक दिया. अब नियमित प्राचार्य की नियुक्ति में भी धांधली बरतने का आरोप लग रहा है. इसकी भी उच्च स्तरीय जांच करायी जाये.

डॉ अजीत कुमार सोनू, समाजशास्त्र अभ्यर्थी

आयोग ने सारा शैक्षणिक दस्तावेज जांच करने के बाद नियुक्त किया है. अभी तक यह नहीं बताया गया कि अनुभव प्रमाण पत्र में कितना अंक दिया गया है. यह जानकारी भी नहीं दी गयी है. ऐसे में विवि प्रशासन को उन शिक्षकों का वेतन बंद करने का निर्देश कहीं से उचित नहीं है. विवि प्रशासन उन शिक्षकों का वेतन जारी करे.

प्रो जगधर मंडल, महासचिव भुस्टा-भूटा समन्वय समिति

जांच की प्रक्रिया की जा रही है. जिन शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होनी है, संबंधित कार्यालय से दस्तावेज मांगी गयी है. जरूरत पड़ने पर आयोग से भी उन शिक्षकों का एकेडमिक दस्तावेज मांगा जायेगा.

प्रो संजय कुमार झा, संयोजक जांच कमेटी

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