भागलपुर
टीएमबीयू में आयोग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव व दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच होनी है. इसे लेकर दो बार कमेटी बन चुकी है. दोनों कमेटी ने कुल तीन बार बैठक की, लेकिन जांच वही का वही है. हालांकि, दूसरी बार बनी जांच कमेटी के संयोजक प्रो संजय कुमार झा का दावा है कि जांच जारी है. इससे पहले डीएसडब्ल्यू के नेतृत्व में कमेटी गठित की गयी थी. उस कमेटी ने एक बार मामले को लेकर बैठक की थी.
नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोप में शिक्षक जायेंगे कोर्ट के शरण में
आयोग से नियमित प्राचार्य की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगने लगा है. इस बाबत विवि के शिक्षक कोर्ट के शरण में जायेंगे. नाम नहीं छापने के शर्त पर शिक्षक ने कहा कि उनका एकेडमिक अच्छा रहने के बाद भी चयन नहीं किया गया. आरोप है कि उनसे कम एकेडमिक वाले शिक्षक का कैसे चयन किया गया. ऐसे में न्याय की मांग कोे लेकर कोर्ट के शरण में जायेंगे.बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा समाजशास्त्र सहित अन्य विषयों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, धांधली, मनमानी व निजी स्वार्थ के तहत बहाली का कार्य करने का आरोप लगा है. यह नियमावली का खुला उल्लंघन है. बहाली की जांच सीबीआई से करायी जाये. बड़ा घोटाला सामने आयेगा. एक ही शोध प्रकाशन में एक अभ्यर्थी को अंक दिया. अब नियमित प्राचार्य की नियुक्ति में भी धांधली बरतने का आरोप लग रहा है. इसकी भी उच्च स्तरीय जांच करायी जाये.
आयोग ने सारा शैक्षणिक दस्तावेज जांच करने के बाद नियुक्त किया है. अभी तक यह नहीं बताया गया कि अनुभव प्रमाण पत्र में कितना अंक दिया गया है. यह जानकारी भी नहीं दी गयी है. ऐसे में विवि प्रशासन को उन शिक्षकों का वेतन बंद करने का निर्देश कहीं से उचित नहीं है. विवि प्रशासन उन शिक्षकों का वेतन जारी करे.
प्रो जगधर मंडल, महासचिव भुस्टा-भूटा समन्वय समितिजांच की प्रक्रिया की जा रही है. जिन शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होनी है, संबंधित कार्यालय से दस्तावेज मांगी गयी है. जरूरत पड़ने पर आयोग से भी उन शिक्षकों का एकेडमिक दस्तावेज मांगा जायेगा.
प्रो संजय कुमार झा, संयोजक जांच कमेटीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

