सबौर बीएयू सबौर के अनुसंधान निदेशक डॉ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में शोध निगरानी दल ने बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर के प्रयोगात्मक फॉर्म का दौरा किया. वैज्ञानिकों ने उच्च उपज रोग प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल गेहूं की नई किस्म की पहचान की है, जिससे किसान कम संसाधनों में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. वैज्ञानिकों की टीम ने कृषि परीक्षण, गेहूं की उन्नत किस्म, विभिन्न नाइट्रोजन स्तरों पर प्रदर्शन, देर से बुआई की स्थिति और बीज उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा की और सुधार के लिए सुझाव दिए. किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि कम पानी में ज्यादा ऊपज और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर उर्वरक प्रतिक्रिया नई गेहूं के किस्म से किसानों को बेहतर मुनाफा मिल सकता है. बीएयू सबौर के कुलपति डॉ डीआर सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसानों को ऐसी गेहूं किस्में देना है, जो खराब मौसम में भी अच्छी पैदावार दे सके एवं बीमारियों से बची रहे और कम लागत में अधिक मुनाफा भी दे सके. यह नई किस्म की गेहूं किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी. बीएयू सबौर की यह सफलता किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद तो होगी ही साथ में भारत की खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करेगी. विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को नई तकनीक और उन्नत बीजों के साथ निरंतर सशक्त बना रहा है.
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