भागलपुर. किलकारी बिहार बाल भवन भागलपुर के कंपनीबाग परिसर में सितार विधा से जुड़े बच्चों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी. यह परीक्षा बच्चों की रचनात्मकता, आत्मविश्वास और भारतीय संगीत में रुचि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो चरणों में हुई. पहले चरण में सैद्धांतिक परीक्षा ली गई, जिसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ-साथ एक पत्र के माध्यम से बच्चों के अनुभवों को परखा गया. दूसरे चरण में प्रायोगिक परीक्षा हुई, जहां बच्चों ने व्यक्तिगत रूप से सितार वादन प्रस्तुत किया. रुद्रा शाह, रक्षम चौरसिया, सोहन, मोहन, नीतू, कृष्ण, इशू, मनीष और नमन ने राग भूपाली, यमन, विहाग और भीमपलासी की शानदार प्रस्तुति दी. आयोजन में संगीत विशेषज्ञ सुदर्शन कुमार, उनके गुरु प्रवीर व प्रमंडलीय समन्वयक साहिल राज उपस्थित थे. सुदर्शन कुमार ने संगीत को आत्मा से जुड़ी कला बताते हुए बच्चों को प्रोत्साहित किया. पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देगा किलकारी भागलपुर. किलकारी बिहार बाल भवन पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए सितार, मंजूषा कला और नाटक विधा में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की तैयारी में है. प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक साहिल राज ने बताया कि इन विषयों में किसी अन्य संस्था द्वारा सर्टिफिकेट कोर्स नहीं कराया जा रहा है. यह पहल बच्चों को पारंपरिक कलाओं से जोड़ने के साथ ही उन्हें प्रमाणपत्र के जरिये आगे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण पाने का अवसर देगी. भागलपुर की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में यह कदम अहम साबित हो सकता है.
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