भागलपुर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक धरोहरों से रुबरु होने और ऐसे स्थलों के बारे में जानने के लिए स्कूली बच्चों को हर साल ले जाया जाता है. यह बच्चों के लिए उत्साह और रोमांच से भरा टूर होता है. इस बार भी शिक्षा विभाग ने ऐसे बच्चों को परिभ्रमण कराने का निर्णय लिया है, जो पिछले पांच वर्षों से कहीं एजुकेशनल टूर पर नहीं गये हैं. शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक परिभ्रमण योजना के तहत जिले के 80 हाई स्कूलों के बच्चों को प्रथम फेज में एजुकेशनल टूर करायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने 16 लाख रुपये का आवंटन भी कर दिया है. इस हिसाब से प्रत्येक चयनित विद्यालय को 20 हजार रुपये खर्च करने के लिए दिया जायेगा.
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जिला शिक्षा कार्यालय ने जिले के सभी प्रखंडों व नगर निगम क्षेत्र से पांच-पांच विद्यालयों की सूची मांगी है. स्कूल प्रधानों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे विद्यालयों का चयन करें, जो पिछले पांच वर्षों में एक बार भी बिहार पर्यटन परिभ्रमण पर नहीं गये हैं. जिले में 285 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं. बिहार पर्यटन शैक्षणिक परिभ्रमण योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को कक्षा से बाहर ले जाकर प्रत्यक्ष अनुभव, अवलोकन और देश-प्रदेश की विविधता से अवगत कराना है. इससे छात्र केवल पाठ्य पुस्तकों तक सीमित न रहकर वास्तविक जीवन की समझ भी विकसित कर सकें. एजुकेशनल टूर बच्चों के अंदर सीखने की ललक बढ़ाता है. उनके सामाजिक कौशल, नेतृत्व क्षमता और टीम भावना को भी सशक्त बनाने का काम करता है. विद्यार्थियों को शैक्षणिक यात्रा के जरिए राज्य के समृद्ध इतिहास और संस्कृति से जोड़ने में योगदान मिलता है. भागलपुर में विक्रमशिला महाविहार, जैन मंदिर, अजगैवीनाथ मंदिर, शाहकुंड पहाड़ी, कुप्पा घाट स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम आदि स्थल उपलब्ध हैं, जहां बच्चे घूमने के लिए जाते रहे हैं.
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