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bhagalpur news. पुलिस पर हुए हमलों की समीक्षा के बाद एसएसपी ने जारी किया एसओपी

मार्च माह में पुलिस पर हमलों के हादसों में एक पुलिस पदाधिकारी के जान गंवाने और कइयों के घायल होने के बाद पुलिस मुख्यालय से लेकर रेंज और जिला स्तर पर लगातार समीक्षा का दौर चल रहा है

अंकित आनंद, भागलपुर

मार्च माह में पुलिस पर हमलों के हादसों में एक पुलिस पदाधिकारी के जान गंवाने और कइयों के घायल होने के बाद पुलिस मुख्यालय से लेकर रेंज और जिला स्तर पर लगातार समीक्षा का दौर चल रहा है. इसी को लेकर विगत दिनों एडीजी विधि व्यवस्था के निर्देश पर भागलपुर पुलिस जिला में भी पुलिस पर हमलों की घटनाओं की समीक्षा की गयी. सीनियर एसपी हृदय कांत के स्तर पर की गयी समीक्षा में कई बिंदुओं पर खामियां पायी गयी, तो कुछ जगहों पर पुलिस की सूझबूझ से बड़ी घटना के टालने की भी बात सामने आयी. भागलपुर एसएसपी की ओर से की गयी समीक्षा के बाद पुलिस जिला के एसपी सिटी सहित सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों, थानाध्यक्षों, अंचल निरीक्षकों से लेकर कनीय पदाधिकारियों और महिला-पुरुष जवानों के लिए छापेमारी के दौरान, विधि व्यवस्था की समस्या होने पर या पुलिस पार्टी पर हमला किये जाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां और प्रक्रियाओं को क्रियान्वित करने को लेकर एक एसओपी का निर्धारण किया गया है. वहीं जारी एसओपी के क्रियान्वयन को लेकर लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों से लेकर कर्मियों तक के विरुद्ध कार्रवाई भी किये जाने की बात का उल्लेख किया गया है.

समीक्षा के दौरान इन बिंदुओं पर पकड़ी गयी लापरवाही

– विधि व्यवस्था संधारण या छापेमारी जैसी कार्रवाई के दौरान पुलिस पदाधिकारियों और कर्मी प्रोटेक्टिव गियर व निर्धारित वर्दी का प्रयोग नहीं करते

– पुलिस पदाधिकारी या कर्मी जिन्हें हथियार निर्गत हैं उन्हें ड्यूटी के दौरान धारण करने का था निर्देश, नहीं हो रहा अनुपालन

समीक्षा के बाद इन बिंदुओं पर दिया गया दिशा निर्देश

– पुलिस गश्ती वाहनों पर सभी प्रकार के प्रोटेक्टिव गियर/किट उपलब्ध कराने के साथ उसका उपयोग किया जाना सुनिश्चित कराया जायेगा.

– पुलिस पदाधिकारी व कर्मी विधि व्यवस्था ड्यूटी के दौरान उचित वर्दी (दंगा निरोधी बल, क्यूआरटी आदि) को अपनी निर्धारित वर्दी धारण करना होगा.

– ड्यूटी (अभियुक्तों की अपराधी सहित माफियाओं की गिरफ्तारी या हिंसा निवारण) के दौरान निर्गत आर्म्स, बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, शील्ड, स्टीक आदि धारण करना होगा.

– पुलिस पार्टी पर हमला या विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने के दौरान अधिक से अधिक टीयर गैस, रबड़ पिलेट्स, पेपर (मिर्च) बॉल आदि का प्रयोग करना होगा.

– असामाजिक तत्वों को चिह्नित कर उन पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 126/135(3)/132/170 व अन्य अधिनियम के तहत निरोधात्मक कार्रवाई करना होगा.

– पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) और परिचारी (उपस्कर शाखा) की मूल भूमिका विधि व्यवस्था संधारण में लगे सभी पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को शस्त्र, प्रोटेक्टिव गियर आदि उपलब्ध कराना होगा. समय-समय पर उसकी समीक्षा करेंगे. इसका दृढ़ता से अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे और जिम्मेवारी तय की जायेगी.

– विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर संबंधित पुलिस अधीक्षक गंभीर विधि व्यवस्था के संधारण में पदाधिकारियों व कर्मियों का हर हाल में स्वयं नेतृत्व करेंगे.

– संबंधित पुलिस अधीक्षक या उपाधीक्षक पुलिस प्रशासन के सुदृढ़ीकरण में मुखर भूमिका निभायेंगे. निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगे.

– थानाध्यक्ष विधि व्यवस्था संधारण के दौरान पदाधिकारियों व कर्मियों को निर्धारित वर्दी और प्रोटेक्टिव किट के साथ ही घटना स्थल पर भेजना सुनिश्चित करेंगे.

– सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अंचल पुलिस निरीक्षक आदेश का सख्ती से पालन कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि विधि-संधारण के दौरान गंभीर घटनाएं/दुर्घटनाओं से बचा जा सके.

निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर होगी ये कार्रवाई :

– समुचित वर्दी या प्रोटेक्टिव गियर धारण नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों को चिह्नित किया जायेगा.

– वर्दी भत्ता या तेरहवें माह का वेतन जब्त किया जायेगा.

– इसके अलावा लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्यवाही संचालित की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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