भागलपुर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी प्राचीन इतिहास विभाग छह दिन से बिना हेड के है. छात्रों से संबंधित काम पूरी तरह से ठप है. हेड के नहीं रहने से कई महत्वपूर्ण कार्य संपादित नहीं हो पा रहे हैं. छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन पर भी असर पड़ने लगा है. प्रभारी हेड प्रो अशोक कुमार सिन्हा 28 फरवरी को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं. वह करीब दो साल से अधिक समय तक विभाग के प्रभारी हेड के रूप में कार्यरत थे. वह मूल रूप से पीजी इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष थे. ऐसे में विभाग की व्यवस्था चरमरा गयी है. बताया जा रहा है कि विभाग में तीन साल से ज्यादा समय से नियमित हेड नहीं है. इससे पहले हेड रहे प्रो दयानंद राय वर्ष 2022 में 30 सितंबर को सेवानिवृत हो चुके है. बता दें कि प्राचीन इतिहास विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष रहे प्रो अशोक कुमार सिन्हा ने कुलपति से मिलकर नियमित हेड विभाग में देने के लिए कई बार मांग कर चुके हैं. उनका कहना था कि एक साथ दो विभाग को देखना मुश्किल है. मामले को लेकर रजिस्ट्रार से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
विभाग में हेड नहीं रहने से शोधार्थियों का होने वाले पीएचडी वायवा फंस सकता है. इससे संबंधित प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है. साथ ही पीजी सेमेस्टर तीन व वन की परीक्षा चल रही है. हेड के नहीं रहने के कारण कॉपी मूल्यांकन के लिए शिक्षकों का पैनल अबतक तैयार नहीं किया गया है. ऐसे में कई निर्णय विभाग के स्तर पर होना है, जो नहीं हो पा रहा है.
छात्रों ने कहा, लाइब्रेरी बंद रहताछात्रों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि विभाग का लाइब्रेरी बंद रहने के कारण पुस्तक नहीं मिल रहा है. विभाग में बुनियादी सुविधा नहीं रहने के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है. छात्रों ने बताया कि विभाग में हेड की कमी सहित कई समस्या को लेकर कुलपति को लिखित रूप में अवगत कराया जा चुका है.
विभाग एक नजर मेंविवि से आने वाले पत्र का जवाब नहीं हो रहा तैयार
तीन साल से अकाउंट का चार्ज किसी ने नहीं लियाशिक्षक व कर्मचारियों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं
पीजी परीक्षा की कॉपी जांच के लिए शिक्षकों पैनल नहीं हुआ तैयारहेड के नहीं रहने से विभाग में परीक्षा सेंटर नहीं बनाया जाता
छात्रों से जुड़े काम नहीं हो पा रहे हैंडीएलसी पर हस्ताक्षर नहीं होने से छात्रों को नहीं मिल रहा
विभाग में नियमित तीन शिक्षक, सभी प्रोबेशन अवधि मेंगेस्ट शिक्षक एक, सहायक एक व आदेशपाल एक
सत्र 2024-26 में 100 सीटों पर विद्यार्थियों का नामांकनसत्र 2023-25 में भी 102 सीटों पर विद्यार्थियों का नामांकन
तीन साल से बंद है डिप्लोमा इन म्यूजियोलॉजी एंड टूरिज्म कोर्स – विभाग में संचालित एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन म्यूजियोलॉजी एंड टूरिज्म कोर्स तीन साल से बंद है. वर्ष 2019 में कोर्स में 20 छात्रों ने नामांकन कराया था. फीस प्रति छात्रों से दस हजार दो सौ रुपये लिए जाते थे. इस कोर्स में बिहार के अलावा झारखंड, कोलकाता व असम तक छात्र-छात्राएं नामांकन लेते थे. कोर्स करने के बाद रोजगार मिलने की संभावना रहती है.कोट –
पत्र में केवल पीजी इतिहास विभाग लिखा है. ऐसे में विभाग में योगदान दिया. प्रभारी हेड को लेकर पत्र में कोई उल्लेख नहीं है.
प्रो अर्चना साह, हेड पीजी इतिहास विभागडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है