भागलपुर टीएमबीयू में गेस्ट शिक्षक अभ्यर्थियों का 16 घंटे तक साक्षात्कार लेकर लेकर रिकॉर्ड बनाया है. इंटरव्यू के पहले दिन सोमवार को सुबह 11 बजे से रात 3.45 बजे तक इंटरव्यू की प्रक्रिया चली. ऐसे में महिला व पुरुष अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. दरअसल, 17 विषयों के 148 पदों पर गेस्ट शिक्षकों की बहाली होनी है. पहले दिन पहले दिन मनाेविज्ञान, इतिहास, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र व लॉ के लिए साक्षात्कार हुआ. सबसे ज्यादा इतिहास के 15 पदाें के लिए 119 अभ्यर्थी थे. इसी विषय के अभ्यर्थियों का देर रात तक साक्षात्कार लिया गया. नाम नहीं छापने के शर्त पर भागलपुर, पूर्णिया व सुपौल के अभ्यर्थी ने बताया कि विवि से पत्र भेज कर सुबह दस बजे सीनेट हॉल में दस्तावेज की जांच कराने के लिए समय निर्धारित किया गया था. उसी समय का पालन करते हुए अभ्यर्थी आये थे, लेकिन उनलोगों का इतिहास विषय के लिए साक्षात्कार सोमवार की रात करीब नौ बजे से हुआ. दूसरी तरफ देर रात तक चले साक्षात्कार से कुछ कर्मचारी व अधिकारी की तबीयत भी खराब हो गयी थी. उधर, नाम नहीं छापने के शर्त पर विवि के अधिकारियों ने कहा कि साक्षात्कार को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों है, एक दिन में कम अभ्यर्थियों को बुलाया जाता तो, इतनी परेशानी नहीं होती. हंगामा के कारण परेशानी हुई – संयोजक गेस्ट शिक्षक बहाली कमेटी के संयोजक प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि छात्र संगठन द्वारा विवि में हंगामा किये जाने से इस तरह की परेशानी सामने आयी. हंगामा के कारण दो से तीन घंटे तक साक्षात्कार की प्रक्रिया बाधित रही. ऐसे में पूरा सिस्टम ही बिगड़ गया. फिर से सिस्टम बनाने में दिक्कत होती है, लेकिन अब ऐसी परेशानी नहीं होगी. इस दिशा में पूरा सिस्टम बेहतर ढंग से काम कर रहा है. दूर के अभ्यर्थियों को भोजन, रहने व स्टेशन तक पहुंचाया गया – कुलपति विवि के कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा कि छात्र संगठन के हंगामा की वजह से अभ्यर्थियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. दूर-दराज से आये महिला व पुरुष अभ्यर्थियों को रात में भोजन करवाया गया, उनकी गेस्ट हाउस में रहने की व्यवस्था की गयी. जिनको रात में ट्रेन पकड़ना था, विवि की गाड़ी से स्टेशन पहुंचाया गया. अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, संबंधित अधिकारी को विशेष रूप से नजर रखने के लिए कहा गया था. उधर, रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने कहा कि कुलपति के निर्देश मिलते ही अभ्यर्थियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करायी गयी. जेनरेटर की सुविधा बहाल कर गेस्ट हाउस में रखा गया था. —————- बोलें एक्सपर्ट – शॉटलिस्ट करने पर इस तरह की अव्यवस्था नहीं होती – पूर्व कुलपति छपरा विवि के पूर्व कुलपति प्रो फारूक अली ने कहा कि अभ्यर्थियों को शॉटलिस्ट किया जाता, तो शायद यह नौबत नहीं आती. पद के हिसाब से एक तिहाई को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन शॉटलिस्ट नहीं कर सभी को इंटरव्यू को एक साथ बुलाना परेशानी का सबब बना. ऐसे में इंटरव्यू की प्रक्रिया लंबा समय तक चला. इससे अभ्यर्थियों को परेशानी भी हुई.
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