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एनएच 80 पर बह रहा पानी, कई जगहों का टूटा संपर्क
भागलपुर : सुल्तानगंज से भी भागलपुर का संपर्क भंग सोमवार को सुलतानगंज में डूबने से एक की मौत हो गयी. भागलपुर का कहलगांव से तीन दिनों से संपर्क टूटा हुआ है. एनएच 80 पर अकबरनगर व भवनाथपुर के बीच दो किलोमीटर तक पानी बहने से सुलतानगंज से भी संपर्क भंग हो गया. सबौर इलाके में […]
भागलपुर : सुल्तानगंज से भी भागलपुर का संपर्क भंग सोमवार को सुलतानगंज में डूबने से एक की मौत हो गयी. भागलपुर का कहलगांव से तीन दिनों से संपर्क टूटा हुआ है. एनएच 80 पर अकबरनगर व भवनाथपुर के बीच दो किलोमीटर तक पानी बहने से सुलतानगंज से भी संपर्क भंग हो गया. सबौर इलाके में इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर ममलखा तक एनएच 80 पर पानी बह रहा है.
मुंगेर : तीन लाख लोग बाढ़ की चपेट में
जिले की लगभग तीन लाख आबादी बेघर है. मुंगेर-भागलपुर राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर बरियारपुर में पानी भर गया है. बरियारपुर-खड़गपुर मार्ग पर आवागमन ठप है. मुंगेर के हजारों घरों में पानी घुस गया गया है.
लखीसराय : किऊल व हरुहर में भी उफान : रविवार की रात को हुई भारी बारिश से किऊल व हरुहर नदी में उफान आ गया है़ इससे बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गयी है. एनएच 80 पर पुल के बाढ़ की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त होने की सूचना है.
खगड़िया : जिले की एक दर्जन पंचायतों में बाढ़ का कहरखगड़िया जिला के गोगरी प्रखंड में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के बाद एक दर्जन पंचायतों पर बाढ़ का कहर जारी है. जीएन बांध पर भी पानी का दबाव बना हुआ है.
कटिहार : तीन प्रखंडों के दो दर्जन गांव चपेट में, लोग हलकान
कुरसेला, बरारी, मनिहारी प्रखंड के चार दर्जन गांवों में गंगा का पानी फैल गया है. रविवार को बरारी का रिंग बांध टूटने के बाद कई गांव में बाढ़ का पानी फैल चुका है. लोग ऊंचे स्थलों में शरण लिए हुए हैं. खासकर रिंग बांध टूटने के बाद गुरूमेला सीज टोला, दास टोला में चार फीट से अधिक पानी बह रहा है. कटरिया के रिंग बांध पर मिट्टी का क्षरण शुरू हो चुका है. वहीं कोसी का जलस्तर भी बढ़ रहा है.
सुपौल : कोसी सेतु का गाइड बांध धंसा : कोसी रेल व सड़क महासेतु की सुरक्षा के लिए निर्मित पूर्वी व पश्चिमी सुरक्षा गाईड बांध में 16 सौ मीटर बिंदु पर फिर से एक बार बोल्डर क्रेटिंग धंस जाने के कारण खतरा उत्पन्न हो गया है. गाईड बांध के उक्त बिंदु पर तीसरी बार लगभग 30 मीटर लंबे व 10 मीटर चौड़े हिस्से में समस्या उत्पन्न हुई है. निरोधात्मक कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया और कटिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है. जगह-जगह सड़कें टूट गयी हैं. एनएच पर पानी बह रहा है. मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर में स्थिति और भी गंभीर है. एनएच-80 पर आधा दर्जन जगहों पर दो से ढाई फुट पानी बह रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन ने राहत शिविर खोला है .
बाणसागर बराज से छोड़े गये पानी से बढ़ी परेशानी रुका आवागमन
राज्य के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. छपरा, आरा, बक्सर, बिहारशरीफ, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया और कटिहार में भी बाढ़ की स्थिति भयावह है. छपरा में गंगा, सोन तथा सरयू के पानी का कहर सोमवार को भी जारी रहा.
पटना : बाणसागर बराज से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद छपरा प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. छपरा के आठ प्रखंडों के करीब दस लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हैं. सैकड़ों गांवों का जिला व प्रखंड मुख्यालयों से संपर्क भंग हो गया है. छपरा-सीवान पथ पर सोमवार की सुबह से आवागमन बंद हो गया. इसके पहले से छपरा-पटना और छपरा-बलिया पथ पर आवागमन बंद है.
छपरा-बलिया रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पायलेटिंग के सहारे हो रहा है. वहीं, आरा में गंगा का जल स्तर घटने के बाद भी बाढ़ का विकराल रूप बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को गंगा का जल स्तर बड़हरा में 56 सेंटीमीटर घटा है. सोन नद का जल स्तर कोईलवर में 1.54 मीटर घटा है.
फिर भी बड़हरा, शाहपुर, आरा, बिहिया और कोईलवर, सहार, संदेश, उदवंतनगर की 85 पंचायतों के 400 गांवों की छह लाख 50 हजार आबादी बाढ़ के पानी में घिरी है. एनएच 84 और आरा-सलेमपुर और आरा – सरैया मार्ग पर दो से ढाई फुट पानी लगा है.
बाढ़ के कारण बक्सर-सासाराम पथ पर आवागम पूरी तरह से ठप हो चुका है. गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी से अब शहर के रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस चुका है. बाढ़ का पानी शहर के कोईरपुरा, मालवीय नगर धोबीघाट, मठिया मुहल्ला, शांतिनगर, मलहचकिया, अहिरौली समेत निचले इलाकों में चढ़ना शुरू हो गया है.
झारखंड से नालंदा में आने वाली नदियों के उफान से बिहारशरीफ जिले में बाढ़ की तबाही जारी है. एकंगरसराय, हिलसा व करायपरशुराय प्रखंड के कई गांव पूरी तरह पानी से घिर गये हैं. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं.
सोमवार को एनएच 30 ए पर होरिल बिगहा गांव के पास बाढ़ का पानी चढ़ जाने से चंडी-दनियावां मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. हरनौत व बेन प्रखंडों के निचले इलाकों में भी बाढ़ का कहर देखा जा रहा है.
वैशाली में गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से जिले की 25 पंचायतों की 60 हजार की आबादी बाढ़ से पीड़ित है. राघोपुर प्रखंड की 20 पंचायत, महनार के दो पंचायत और हाजीपुर, देसरी और सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के एक-एक पंचायत बाढ़ग्रस्त है.
बेगूसराय जिले के सात प्रखंडों की लगभग दो लाख 50 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में है. लगातार गंगा के जल स्तर में वृद्धि से पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है. पानी के बढ़ते प्रेशर के कारण जिल के मटिहानी, बछवाड़ा में जहां बांध पर खतरा मंडरा रहा है़
इनपुट: सारण, बक्सर, आरा, बेगूसराय, वैशाली
भोजपुर : आरा-सरैंया व आरा-सलेमपुर मार्ग पर पानी
गंगा और सोन नद के जल स्तर घटने के बाद भी जिले में बाढ़ का तांडव जारी है. सोमवार को कई नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, जिले के सभी नौ तटबंध फिलहाल सुरक्षित हैं. तटबंधों में कहीं भी कोई रिसाव की सूचना नहीं है. बाढ़ का पानी आरा-सरैंया, आरा-सलेमपुर, आरा-बक्सर, बिहिया-गौरा, शाहपुर-कारनामेपुर सहित आरइओ, पथ निर्माण तथा एनएच के 27 सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है,
बक्सर : गंगा में उफान से पल-पल सता रहा है भय
गंगा में उफान से पूरा बक्सर जिला दहशत में आज चार दिनों से जी रहा है़ कोई अपने रिश्तेदारों के यहां चला गया है, तो कोई बांध पर शरण लिये हुए है़ वहीं, गंगा मइया के बाद अब भगवान इंद्र भी जिलावासियों से नाराज हो गये हैं. शायद यही कारण है कि रविवार की देर रात से ही जिले में झमाझम बारिश शुरू हो गयी है. बाढ़ से त्रस्त लोगों की परेशानी और भी बढ़ा दी है.
बेगूसराय : जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ का कहर जारी
िजले के लगभग आधे दर्जन प्रखंडों में बाढ़ पिछले कई दिनों से कहर बरपा रहा है. नतीजा है कि बाढ़ पीड़ितों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. जिले के मटिहानी, बलिया,साहेबपुरकमाल, बछवाड़ा,तेघड़ा प्रखंडों में बाढ़ का पानी चारों तरफ फैल गया है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
हाजीपुर : बाढ़ के पानी से दहशत, राहत की देख रहे राह
बाढ़ के पानी को देख कर इससे प्रभावित लोगों के होश उड़ गये हैं. लोग किसी प्रकार जीवन को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. कहीं राहत मिल रही है, तो कहीं पर किसी प्रकार जीवन चल रहा है. प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, 25 पंचायतों की लगभग 60 हजार की आबादी बाढ़ से पीड़ित है.
गंगा का पानी विकराल रूप ले रहा है. लोगों को ऐसा महसूस हो रहा है कि वे समुद्र के किनारे रह रहे हैं. सबसे खराब हालत उन लोगों की है, जो सड़कों के किनारे रह रहे हैं. सभी को एक चिंता सता रही है कि कहीं बारिश न हो. आकाश में काले बादल को देख कर उनका दिल बैठने लगता है.
नालंदा : एकंगरसराय में 115, हिलसा में 120 व करायपरशुराय में 170 परिवार बाढ़ की चपेट में
झारखंड में बारिश हो रही है अैर बिहार के नालंदा व अन्य जिलों मेंे बाढ़ आयी हुई है. दक्षिणी बिहार की अधिकांश नदियों का उद्गम स्थल झारखंड है. इसके कारण झारखंड में हुई बारिश का असर नालंदा सहित दक्षिण बिहार के अन्य जिलों में देखा जा रहा है नालंदा के एकंगरसराय, हिलसा व करायपरशुराय प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बाढ़ ग्रस्त अंचलों में आवश्यकतानुसार पॉलीथीन शीट्स एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी गयी है.बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.
समस्तीपुर : चार प्रखंडों की 34 पंचायतों में बाढ़
16 घंटों से पानी का बढ़ना थम गया है. इससे मोहिउद्दीननगर, मोहनपुर, विद्यापतिनगर एवं शाहपुर पटोरी के करीब तीन लाख लोगों ने राहत की सांस ली है. समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर, मोहनपुर, विद्यापतिनगर एवं शाहपुर पटोरी की कुल 34 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. इनमें 14 पंचायतें पूरी तरह से डूब चुकी हैं. इन प्रखंडों के 90 से अधिक गांव की करीब तीन लाख आबादी को भारी क्षति का सामना करना पड़ा है. खासकर फसलें पूरी तरह से खत्म हो गयी हैं. लोगों के घरों में रखा आनाज खराब हो गया है. मवेशियों के लिए चारे नहीं मिल रहे हैं. लोग ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं.
नदियों में आयी बाढ़ व बारिश ने मचायी तबाही
गया : लगातार हो रही बारिश व इंद्रपुरी सहित झारखंड स्थित बराजों से पानी छोड़े जाने के कारण नदियां उफान पर हैं. नदियों में आयी बाढ़ व मूसलधार बारिश नेे कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया व नवादा में फसलों को डुबोने के साथ जनजीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है.
औरंगाबाद के दाउदनगर एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि इंद्रपुरी बराज से करीब आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है. हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन सभी बाल-बाल बच गये. उधर, रोहतास के नौहट्टा में झारखंड व बिहार की सीमा पर स्थित सोन नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ काे लेकर हाइअलर्ट घोषित कर दिया गया है.
कैमूर में भी भारी बारिश से भभुआ शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. इधर, गया में एनएच-82 पर गया व वजीरगंज के बीच स्थित पैमार पुल के पास बना डायवर्सन क्षतिग्रस्त हो गया. पक्का डायवर्सन सोमवार को पानी के तेज बहाव के साथ बह गया. इससे बड़े वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. यह सड़क बोधगया, राजगीर, कुर्किहार, हड़ाही स्थान, तपोवन व गेहलौर घाट के साथ नवादा, बिहारशरीफ, हिसुआ, नारदीगंज, रजौली, फतेहपुर व सेवतर से जुड़ी है.
इंद्रपुरी बराज से करीब आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना
औरंगाबाद में बटाने नदी पर बने पुल के तीन पाये बहे, प्लेट भी नीचे दबी
रोहतास के नौहट्टा इलाके में सोनतटीय इलाकों से दूर रहने को कहा गया
भभुआ व नवादा के शहरी इलाकों में भी घुसा बारिश का पानी
ककाेलत जलप्रपात की सीढ़ियां बहीं, ग्रिल व रेलिंग भी पानी में डूबी
गया में पैमार पुल के पास बना डायवर्सन क्षतिग्रस्त, नवादा-नालंदा से संपर्क कटा
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