टीएमबीयू में शनिवार को करीब सात माह बाद प्रभारी कुलपति प्राे विमलेंदु शेखर झा की अध्यक्षता में सिंडिकेट की पहली बैठक हुई. इस दौरान 40 एजेंडाें पर चर्चा की गयी. इसमें पूर्व कुलपति प्रो जवाहर लाल के कार्यकाल में बहाल 70 से अधिक अतिथि शिक्षकों को आठ माह का मानदेय भुगतान सशर्त किया जायेगा. इसे लेकर सदन ने मुहर लगा दी है. सरकार से राशि आने के बाद ही भुगतान किया जायेगा. अप्रैल में सिंडिकेट का चुनाव हुआ था. सदस्यों का कहना था कि अतिथि शिक्षक बहाली में धांधली के आरोप की राजभवन, सरकार, कोर्ट व निगरानी विभाग में जांच चल रही है. वहां से निर्णय आने के बाद आगे की प्रक्रिया की जाये. वहीं सुरक्षा एजेंसी सामंता सिक्योरिटी के 9.8 कराेड़ के बकाया भुगतान नहीं करने का सदन में निर्णय लिया गया. काम के बदले मिला चाहिए पैसा बैठक में गेस्ट फैकल्टी के भुगतान का मामला रखा गया, जिसमें सदस्यों की राय अलग-अलग थी. एक सदस्य ने नियुक्ति में धांधली हाेने की बात कहकर भुगतान नहीं करने का पक्ष रखा. दूसरे सदस्य एमएलसी डाॅ संजीव सिंह ने काम के बदले भुगतान का तर्क दिया. इस बाबत प्रभारी कुलपति ने भुगतान पर सहमति दी. कुछ सदस्याें ने मामले में अपनी असहमति आधिकारिक रूप से दर्ज कराने की बात कही, लेकिन मानवता के आधार पर उन्हें ऐसा नहीं करने का आग्रह किया गया. कोर्ट से होगा फैसाल सदन में सुरक्षा एजेंसी के बकाया भुगतान का मुद्दा उठा. भुगतान पिछली बार भी सिंडिकेट ने राेका था. सदस्य डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा ने कहा कि पिछली सिंडिकेट में भी सदन ने सहमति नहीं दी थी. एजेंसी ने काेर्ट में केस किया है. इस बाबत सदन ने एजेंसी के बकाया भुगतान को लेकर कोर्ट जाने की बात कही. साथ ही कमेटी गठित की गयी है, जो एजेंसी से जुड़े तमाम दस्तावेजों की जांच करेगी. वरीयता का नहीं मिलेगा लाभ सदन में पीजी सांख्यिकी विभाग के शिक्षक प्रत्याशा त्रिपाठी की सेवा सुरक्षा पर निर्णय लिया गया कि उन्हें वरीयता का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन पे प्राेटेक्शन दिया जायेगा. सदन ने पूरे मामले में फिलहाल स्थगित कर दी है. प्राचार्य पद से हटाने की उठी मांग सिंडिकेट सदस्य डॉ शैलेश्वर प्रसाद ने सदन में एक प्राचार्य के प्रमोशन के मामले को रखा. बताया गया कि एसाेसिएट प्राेफेसर का पदनाम वापस लिया गया है. इसी के आधार पर प्राचार्य पद पर नियुक्ति हुए डाॅ अवधेश रजक के मामले में विवि ने कहा कि उनकी नियुक्ति आयाेग ने की है. ऐसे में आयोग ही उनके प्राचार्य पद पर निर्णय करेगा. सदस्याें ने उनका वित्तीय अधिकार राेकने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने मान लिया. शेष प्राचार्यों के लियन (विशेष अवकाश) का पास किया गया. जबकि एकेयू के रजिस्ट्रार नियुक्त हुए टीएमबीयू के शिक्षक डाॅ निरंजन यादव का लियन सशर्त पास किया गया. सदन में टीएमबीयू से बीसीई गये व विवि सेवा आयाेग से टीएमबीयू में प्राचार्य बने डॉ दीपाे महताे के लियन के प्रस्ताव पर सिंडिकेट ने कहा कि वे पहले बीसीई का लियन वापस लें. सदन से विवि के 11 अरब घाटे का बजट पारित सिंडिकेट हॉल में बैठक की शुरुआत कुलगीत से व जबकि समापन राष्ट्रगान से हुआ. करीब सवा चार घंटे चली सिंडिकेट की मैराथन बैठक में सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी. बैठक में वित्तीय वर्ष 2026-2027 का विवि का 11 अरब घाटे का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया. बैठक में एकेडमिक काउंसिल, वित्त समिति, न्यू टीचिंग प्रोग्राम एंड एफिलिएशन कमेटी के निर्णय की संपुष्टि की गयी. विवि हेल्थ सेंटर के पास पीजी बॉयज हॉस्टल मार्ग में बारिश के समय में जलजमाव की समस्या के समाधान को लेकर डीएम द्वारा मांगी गई जमीन मामले में निर्णय लिया की राज्यपाल सचिवालय पटना को पत्राचार किया जायेगा. इस आशय की जानकारी से जिलाधिकारी को भी अवगत कराया जायेगा. शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को प्रोन्नति देय होगा. बैठक में सदस्य व एमएलसी डॉ संजीव कुमार सिंह, डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा, डॉ शैलेश प्रसाद सिंह, डॉ शम्भू दयाल खेतान, डॉ रूबी कुमारी, डॉ महावेद मंडल, डॉ मुश्फिक आलम, डॉ शैलेश्वर प्रसाद सहित वित्तीय परामर्शी, डीएसडब्ल्यू प्रो अर्चना साह, प्रॉक्टर प्रो एसडी झा आदि मौजूद थे.
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