भागलपुर: बेमौसम बारिश से फसल बरबाद होने से निराश रन्नुचक-मकंदपुर के किसानों ने मंगलवार को रन्नुचक स्थित एसबीआइ शाखा के सामने आत्मदाह का प्रयास किया. हालांकि मौके पर मौजूद प्रशासनिक पदाधिकारियों की पहल पर किसानों को आत्मदाह करने से रोक लिया गया. आत्मदाह करनेवाले किसानों का कहना था कि एक ओर जहां दो दिन पहले […]
भागलपुर: बेमौसम बारिश से फसल बरबाद होने से निराश रन्नुचक-मकंदपुर के किसानों ने मंगलवार को रन्नुचक स्थित एसबीआइ शाखा के सामने आत्मदाह का प्रयास किया. हालांकि मौके पर मौजूद प्रशासनिक पदाधिकारियों की पहल पर किसानों को आत्मदाह करने से रोक लिया गया.
आत्मदाह करनेवाले किसानों का कहना था कि एक ओर जहां दो दिन पहले हुई जोरदार बारिशसे खेत में लगी व खलिहान पर रखी कटी फसल को भारी क्षति हुई है, वहीं उन्हें गाय लेने के लिए लिये गये कर्ज व केसीसी ऋण को लेकर बैंक बार-बार नोटिस भेज रहा था. इस कारण इन किसानों के पास आत्मदाह करने के अलावा कोई चारा नहीं था. बाद में मौके पर पहुंचे डीसीएलआर व जिला कृषि पदाधिकारी के किसानों को फसल क्षति का उचित मुआवजा दिये जाने के आश्वासन पर किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त किया.
केरोसिन छिड़क कर आग लगाने का प्रयास : आत्मदाह करने की तैयारी सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू हो गयी थी. निर्धारित स्थल पर ग्रामीण जुटने लगे थे. सभी आत्मदाह करनेवाले किसानों के आने का इंतजार कर रहे थे. मौके पर नाथनगर थाना प्रभारी जमील असगर के नेतृत्व में पुलिस बल किसानों को आत्मदाह करने से रोकने के लिए तैनात था. अनहोनी की आशंका को लेकर मौके पर एंबुलेंस की भी व्यवस्था थी. सवा 12 बजे अचानक आत्मदाह करने के लिए किसानों की टोली स्थल पर पहुंची. इन किसानों ने अपने शरीर पर केरोसिन छिड़क लिया और आग लगाने का प्रयास करने लगे. इस बीच पहले से मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद किसानों को आत्मदाह करने से रोका. इस दौरान महिला किसान भी पीछे नहीं रही. किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा.
सब्सिडी की होती है घोषणा, पर नहीं मिलता लाभ : किसानों का आक्रोश देख मौके पर उपस्थित नाथनगर अंचलाधिकरी तरुण केसरी ने डीसीएलआर के आने की सूचना किसानों को दी. कुछ ही देर में डीसीएलआर सुबीर रंजन, जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद सिंह और एएसपी वीणा कुमारी मौके पर पहुंचे. उनसे किसानों ने कहा कि हम तो ऐसे भी मरे हुए हैं, तो चेहरा दिखाने के लिए बच कर क्या करेंगे. हमलोग हरेक जगह छले जा रहे हैं. सब्सिडी की घोषणा तो होती है, लेकिन किसानों को लाभ नहीं मिलता है.
तीन दिन के अंदर सर्वे कराने का निर्देश : किसानों का कहना था कि गेहूं की 70 से 80 फीसदी फसल बरबाद हो गयी. कुछ किसानों की तो पूरी फसल ही बरबाद हो गयी. सबसे अधिक नुकसान वैसे किसानों को हुआ, जो पट्टा पर जमीन लेकर खेती कर रहे थे. उनसे जमींदार एडवांस 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की हिसाब से ले चुके हैं और उन्हें कुछ नहीं मिला.
इस पर डीसीएलआर और जिला कृषि पदाधिकारी ने सीओ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार को दो दिन पहले हुई बारिश से रन्नुचक -मकंदपुर पंचायत अंतर्गत सभी गांव में नष्ट हुई फसल का सर्वे तीन दिन के अंदर कराने का निर्देश दिया, ताकि सरकार को किसानों को मुआवजा देने के लिए रिपोर्ट भेजी जा सके. इसके बाद किसान माने और अपना आंदोलन समाप्त किया.
ये किसान थे शामिल
अभिमन्यु राय, मदन राय, संपति देवी राजाराम राय, संगीता देवी, अशोक राय व तेतरी देवी.