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आज 2 घंटे 52 मिनट का होगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण

भागलपुर : 2019 का आखिरी सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को अाज लगेगा. खास बात है कि सूर्यग्रहण एक ही राशि में छह ग्रह होंगे. षड्ग्रही योग में सूर्यग्रहण का प्रभाव सभी राशियों जातकों को प्रभावित करेगा. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो गुरुवार को दो घंटे 52 मिनट का रहेगा. सुबह 8:25 बजे से सुबह 11:17 बजे तक […]

भागलपुर : 2019 का आखिरी सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को अाज लगेगा. खास बात है कि सूर्यग्रहण एक ही राशि में छह ग्रह होंगे. षड्ग्रही योग में सूर्यग्रहण का प्रभाव सभी राशियों जातकों को प्रभावित करेगा. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो गुरुवार को दो घंटे 52 मिनट का रहेगा. सुबह 8:25 बजे से सुबह 11:17 बजे तक ग्रहण काल होगा. ग्रहण काल में किये गये जप, पाठ, कीर्तन विशेष फलदायी होंगे. सूर्यग्रहण का सूतक 25 दिसंबर बुधवार को रात्रि 8:25 बजे लग जायेगा.

26 दिसंबर को सुबह 8:25 बजे ग्रहण का स्पर्श काल होगा. ग्रहण धनु राशि व मूल नक्षत्र में होगा. ज्योतिषियों के अनुसार गुरुवार को धनु राशि में ही षड्ग्रही योग बन रहा है. गुरुवार को इस राशि शनि, गुरु, केतु , सूर्य, बुध व चन्द्रमा होगा. एक ही राशि में एक साथ छह ग्रहों की उपस्थिति को षड्ग्रही योग कहा जाता है. 28 दिसंबर को चन्द्र राशि परिवर्तन करेगा. इसके बाद पंचग्रही योग बना रहेगा. यह योग 13 जनवरी तक रहेगा.
सूर्य ग्रहण सूतक काल के दौरान क्या करें और क्या न करें : ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार ने बताया कि कोई भी ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. इस काल में पूजा पाठ नहीं होता है, लेकिन आप अपने ईष्ट देव के मंत्रों का जाप या किसी भी भगवान के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. किसी भी ग्रहण का सूतक शुरू होने से पहले खाने-पीने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए. इससे खाना दूषित नहीं होता. सूतक काल के समय छोटे बच्चों को अकेला कभी भी न छोड़ें.
गर्भवती महिलाएं सूतक काल के समय घर से न निकलें. इस बात का ध्यान रखें की ग्रहण की छाया आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर नहीं पड़ना चाहिए. घर के मंदिर के दरवाजे सूर्य ग्रहण लगते ही बंद कर दिये जाते हैं. अगर मंदिर खुले में है, तो भगवान की मूर्तियों पर परदा डाल दें. सूतक काल प्रारंभ होने के बाद कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. सूतक काल समाप्त होने के बाद पीने के पानी को बदल दें.
सूर्य ग्रहण का सूतक खत्म होने के बाद स्नान कर लें. ग्रहण का सूतक काल लगते ही बुरी शक्तियां प्रबल हो जाती हैं, इसलिए सूतक काल के समय किसी भी सुनसान जगह या श्मशान आदि के पास से न गुजरें. सूतक काल के दौरान सोना भी नहीं चाहिए लेकिन बच्चों, वृद्ध और बीमार लोगों पर ये मान्य नहीं है. सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्तों को न तोड़ें. सूतक काल लगते ही भगवान की प्रतिमाओं को भी नहीं छूना चाहिए. ग्रहण के समय शुभ काम की शुरुआत न करें.

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