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11 माह से बांग्लादेश के जेल में कैद है पति, परेशान पत्नी ने कहा- प्रधानमंत्री जी सूने मेरी फरियाद

भागलपुर (संवाददाता) : ग्यारह माह पूर्व दिल्ली से भागलपुर अपने घर लोदीपुर आ रहे राजेंद्र रविदास उर्फ योगेंद्र रविदास भटक कर बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे गये. यहां इनको संदिग्ध हालत में देख बांग्लादेश ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जेल में बंद पति के बारे में स्थानीय पुलिस की सूचना के बाद पत्नी सरिता देवी […]

भागलपुर (संवाददाता) : ग्यारह माह पूर्व दिल्ली से भागलपुर अपने घर लोदीपुर आ रहे राजेंद्र रविदास उर्फ योगेंद्र रविदास भटक कर बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे गये. यहां इनको संदिग्ध हालत में देख बांग्लादेश ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जेल में बंद पति के बारे में स्थानीय पुलिस की सूचना के बाद पत्नी सरिता देवी परेशान हो उठी. पति को जेल से रिहा कराने के लिए कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कभी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख गुहार लगा रही है. अब तक इनकी फरियाद उन नेताओं तक नहीं पहुंची है. निराश पत्नी कभी डीएम तो कभी आयुक्त कार्यालय जाकर पति को मुक्त कराने का आग्रह कर रही है. इसकी परेशानी को देख जिले के अधिकारियों ने कागज तो आगे कर दिया है लेकिन बात दो देशों के बीच की है इसलिए कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.

लोदीपुर थाना अंतर्गत उस्तु, चकदरिया गांव निवासी राजेंद्र मंडल की पत्नी सरिता देवी कहती है मेरे पति मजदूरी करते थे. दिल्ली मजदूरी करने गये थे. रास्ता भटक कर या किस तरह वो बांग्लादेश सीमा के अंदर पहुंच गये. भटक कर पहुंचे राजेंद्र को बांग्लादेश की पीपरा थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले की जानकारी हमें पुलिस उपाध्यक्ष भागलपुर ने 15 नवंबर 2017 को दिया. जिसमें कहां गया है राजेंद्र रविदास बांग्लादेश सीमा पर पकड़ा गया है. 18 नवंबर को हमने पीपरा थाना पुलिस को फोन कर राजेंद्र के बारे में जानकारी मांगा. थाना से कहा गया राजेंद्र को जेल भेज दिया गया है. इस सूचना के बाद हम लोगों ने बांग्लादेश पुलिस से मदद का गुहार फोन पर लगाने लगे. पुलिस ने साफ कहा मामला दो देश से जुड़ा है ऐसे में हमारे हाथ बंधे है.

आगे सरिता देवी ने कहा अब मेरे पति को सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ही वापस ला सकते है. पूर्व में भी इन दोनों ने विदेश में फंसे भारतीय को मुक्त करा देश लाया है. सभी कागजात के साथ प्रधानमंत्री को आवेदन भेजे है. उम्मीद ही नहीं पूरा भरोसा है हमारी समस्या का समाधान होगा. पति के नहीं रहने से परिवार बिखर गया है. इस बीच पति की स्थिति ऐसी नहीं है कि वो अपनी बात को पुलिस के सामने ठीक तरीके से रख सके. भाषा की भी समस्या है.

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