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सुपरफास्ट व पैसेंजर ट्रेन में फर्क नहीं, लटक कर सफर
भागलपुर : मंगलवार शाम लगभग साढ़े चार बजे भी भागलपुर जंक्शन पर लंबी प्रतीक्षा के बाद पूरब की ओर जाने वाले रेलयात्रियों को प्लेटफॉर्म संख्या एक पर विक्रमशिला एक्सप्रेस मिल गयी. यात्री इसमें सवार होने के लिए ट्रेन की तरफ दौड़ पड़े. धक्का-मुक्की के साथ जितने सवार हुए, उससे कहीं ज्यादा प्लेटफॉर्म पर ही बच […]
भागलपुर : मंगलवार शाम लगभग साढ़े चार बजे भी भागलपुर जंक्शन पर लंबी प्रतीक्षा के बाद पूरब की ओर जाने वाले रेलयात्रियों को प्लेटफॉर्म संख्या एक पर विक्रमशिला एक्सप्रेस मिल गयी. यात्री इसमें सवार होने के लिए ट्रेन की तरफ दौड़ पड़े. धक्का-मुक्की के साथ जितने सवार हुए, उससे कहीं ज्यादा प्लेटफॉर्म पर ही बच गये. स्थिति यहां तक बन गयी कि आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को अंदर जाने में मशक्कत तक करनी पड़ गयी. कुछ यात्री दौड़ कर ट्रेन को पकड़ने की कोशिश में इंजन पर ही सवार हो गये.
खचाखच भीड़ से भरी विक्रमशिला एक्सप्रेस साहिबगंज, बड़हरवा, रामपुरहाट, सैंथिया, दुर्गापुर, आसनसोल, धनबाद, गोमो, गया होकर रवाना हुई. भागलपुर जंक्शन पर 41 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव होता है मगर, 20 सितंबर से गिनती की ट्रेनें रह गयीं, जिसका ठहराव हो रहा है. मगर, राेजाना सफर करने वालों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. रोजाना डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही होती है.
विक्रमशिला से बचे यात्रियों को मिली कई ट्रेनें : पूरब की ओर जाने वाले यात्री विक्रमशिला एक्सप्रेस में जब सवार नहीं हो सके, तो उन्हें इसके बाद लगातार कई ट्रेनें मिली. इससे उनको कुछ राहत पहुंची. विक्रमशिला एक्सप्रेस से बचे हुए लोकल यात्रियों को लोकमान्य तिलक, जमालपुर-मालदा इंटरसिटी, सुपर एक्सप्रेस आदि ट्रेनें मिलीं.
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