25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पूर्व मैनेजर के हस्ताक्षर से हुई थी 150 करोड़ की निकासी, भेजे गये जेल

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड से सरकारी राशि के फर्जीवाड़े मामले में रोज एक के बाद एक परत खुलती जा रही है. नया मामला सामने आया है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मैनेजर एके सिंह के हस्ताक्षर वाले चेक से 150 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. वह अभी पुलिस की […]

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड से सरकारी राशि के फर्जीवाड़े मामले में रोज एक के बाद एक परत खुलती जा रही है. नया मामला सामने आया है कि बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मैनेजर एके सिंह के हस्ताक्षर वाले चेक से 150 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. वह अभी पुलिस की गिरफ्त में हैं. उन्हें जेल भेजा गया. रविवार की सुबह मैनेजर एके सिंह के घर पर पुलिस ने छापेमारी की. छापेमारी के दौरान उनके घर पर परिजन तो मिले, पर कोई कुछ बताने को तैयार नहीं थे. पुलिस कुछ घंटे छापा मारने के बाद लौट आयी. बैंक के पूर्व मैनेजर एके सिंह ने पुलिस को बताया कि मेरी कोई गलती नहीं है. बीओबी के तत्कालीन ऑपरेशन मैनेजर वरुण सिन्हा पर उसने चेक पास करने का आरोप लगाया. इसके अलावा पुलिस ने उन ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है, जहां सृजन संस्था के माध्यम से फंडिंग की गयी है.
राजनीतिक संबंधों को लेकर हो रही चर्चा
शहर में सृजन के पॉलिटिकल कनेक्शन की चर्चा खूब हो रही है. कई बड़े दलों के नेता या तो चुप हैं या बड़े जांच की मांग करने लगे हैं. बयानबाजी का दौर केवल सोशल मीडिया पर ही चल रहा है. सभी लोग शहर से एक तरह से दूरी बनाये हुए हैं. वे इस प्रत्याशा में हैं कि जांच की रफ्तार धीमी हो, तब शहर में आकर खोज-खबर लें और आगे की रणनीति बनाएं. पुलिस ने बीते दिनों जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें सरकारी कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी गयी है. सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तार लोगों ने कई राज उगले हैं और उनकी निशानदेही पर जांच एजेंसी व पुलिस कार्रवाई कर रही है. संभावना है कि जल्द ही कुछ सफेदपोश पुलिस के हाथ पहुंच जाये. इधर, एक भाजपा नेता को पूछताछ के लिए एसएसपी आवास बुलाया गया. उनसे क्या पूछताछ हुई यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है.
नाजिर अमरेंद्र यादव की गिरफ्तारी से खुलेंगे फर्जी चेक का राज
जिलाधिकारी के नाम से फर्जी चेक कब और कैसे निर्गत किये गये और इस चेक से कितने रुपये की निकासी हुई, यह जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय के नाजिर अमरेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद ही मिल पायेगी. अमरेंद्र यादव के पकड़ में आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पूछताछ करने के बाद ही यह भी पता चल पायेगा कि इसमें डीएम के फर्जी हस्ताक्षर का खेल कब से चल रहा है और अभी तक कितने चेक से निकासी की गयी.
सृजन के सूत्रधार शहर के एक पूर्व जिलाधिकारी
सृजन के शुरुआती दौर में चलाने के लिए सबसे ज्यादा मदद भागलपुर के एक पूर्व जिलाधिकारी ने की थी. सूत्रों की माने, तो इस जिलाधकारी ने सृजन को सृजित करने के लिए कई काम किये थे. जमीन से लेकर कई मदद सृजन को किया गया था. शहर के मुख्य मार्ग की बात तो छोड़ दें, तिलकामांझी से लेकर कचहरी इलाके में कई अपार्टमेंट में में सृजन के पैसे लगाये गये हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि हाल सृजन से दो से लेकर पांच लाख रुपये भी दिये गये हैं. दो लाख रुपये लेनेवाले की भी सांसें फूल रही हैं कि कहीं हमें भी नोटिस न मिल जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें