भागलपुर
गर्मी के मौसम में बिहार के मुजफ्फरपुर व गया जिले में छोटे बच्चों में जानलेवा बीमारी इंसेफेलाइटिस या मस्तिष्क ज्वर के मामले पिछले वर्षों में मिले हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में इलाज की तैयारी पूरा करने का निर्देश दिया है. विभाग की ओर से इस बीमारी के इलाज से संबंधित जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 104 से सहायता लेने की अपील की गयी है. मामले पर जेएलएनएमसीएच के शिशुरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने बताया कि अस्पताल में इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए 10 बेड समेत ऑक्सीजन, दवा व अन्य संसाधन की व्यवस्था है. इलाज को लेकर भागलपुर के नौ डॉक्टरों की पटना मुख्यालय में ट्रेनिंग भी पूरी हो गयी. बताया कि इंसेफेलाइटिस या मस्तिष्क ज्वर का एक लक्षण चमकी है. बच्चों को बेहोशी के साथ झटके आते हैं. हालांकि, अन्य बीमारी के कारण भी चमकी का असर दिखता है. यह बिहार के विभिन्न जिलों में अप्रैल से जुलाई तक दिखती है. इसका कारण वायरल इंफेक्शन है. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों में चमकी के साथ, शुगर की कमी, बेहोशी व बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं. कई बार समय पर इलाज नहीं होने से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों की मौत भी हो जाती है.
इंसेफेलाइटिस से बचाव कैसे करें
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलायें. यदि संभव हो तो बच्चों को मीठा खिलायें. रात से सुबह तक बच्चों के सोने के दौरान देखते रहें कि कहीं बच्चा बेहोश या चमकी से पीड़ित तो नहीं है. यह लक्षण दिखते ही अस्पताल जाये और अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो गांव में आशा से संपर्क करें. निशुल्क एंबुलेंस सेवा 102 के माध्यम से बच्चों को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जायें.
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