बेतिया. समग्र शिक्षा की डीपीओ गार्गी कुमारी ने इंस्पायर अवॉर्ड योजना के प्रखंड स्तरीय नोडल प्राध्यापकों की ऑनलाइन मीटिंग में कहा कि योजना के लिए लक्षित वर्ग 6 से 12 वीं तक की पढ़ाई वाले जिले के कुल करीब डेढ़ हजार नामित हैं. बावजूद इसके इनमें से अब तक मात्र 460 स्कूलों के द्वारा का अपना निबंधन कर पाना विज्ञान परक नवाचार के उदासीनता का प्रमाण है. डीपीओ श्रीमति गार्गी ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय से नवाचार परक पांच पांच बाल आविष्कारों को अपलोड करने का मानक निर्धारित है.इस लिहाज से निबंधित स्कूलों की ओर से 2300 आइडिया अपलोड होने के विरुद्ध मात्र करीब 20 फीसदी अर्थात कुल 460 आइडिया का अपलोड होना बेहद नकारात्मकता का प्रमाण है.डीपीओ ने वेबिनर में शामिल नोडल शिक्षक डॉ. मुकेश कुमार राय,राजीव कुमार पाठक,मुनींद्र कुमार झा, डॉ. रहमत यास्मीन,अजय कुमार पटेल,ब्रजेश कुमार,मो.आरशी आजम,शगूफी जहूर,मंजीत कुमार,अंसारुल राज, संदीप कुमार और दिलीप कुमार से अपने आवंटित प्रखंडों के लक्षित सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों में विज्ञान परक नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने और सीआरसी स्तर पर प्रोजेक्टर के माध्यम से उन्मुखीकरण मीटिंग आयोजित करते हुए आगामी 15 सितंबर तक सभी स्कूलों से वैज्ञानिक नवाचार परक आइडिया अपलोड करने का निर्देश दिया. बैठक के बाबत डीपीओ गार्गी कुमारी ने बताया कि चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अंतर्गत इंस्पायर अवार्ड योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू है, जो 15 सितंबर तक होगा. छठी से बारहवीं तक के विद्यार्थी इएमआइएएस पोर्टल पर पंजीकरण और इंस्पायर मानक मोबाइल एप से आइडिया 15 सितंबर तक अपलोड कर सकेंगे.प्रत्येक विद्यालय से अधिकतम सात नवाचार चुने जाएंगे.डीपीओ ने बताया कि इसके लिए अपने नए आइडिया की संक्षिप्त जानकारी व लाभ के संक्षिप्त विवरण के साथ विद्यार्थियों की ओर से अपलोड किया जा सकता है.
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