लौरिया. स्थानीय सीएचसी में रविवार रात विशुनपुरवा सड़क हादसे के घायलों के पहुंचते ही हालात बिगड़ गए और बरातियों और ग्रामीणों ने अचानक हंगामा शुरू कर दिया. आरोप लगाया गया कि गंभीर घायलों का इलाज समय पर नहीं किया जा रहा है और इसी कथित लापरवाही को लेकर भीड़ उग्र हो उठी. देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई. आरोप है कि डॉक्टरों तथा कर्मचारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया. इमरजेंसी वार्ड में लगे लैपटॉप, स्ट्रेचर, कुर्सी-टेबल और अन्य उपकरणों को तोड़ डाला गया, जिससे पूरा वार्ड क्षतिग्रस्त हो गया. हमले में डॉ किसलय सुमन को अंदरूनी चोटें आईं, डॉ अफरोज आलम की आंख के पास गंभीर चोट लगी, गार्ड धनंजय ओझा की आंख और नाक जख्मी हुई, जबकि स्वीपर शिवनाथ को चार टांके आए. सूचना मिलने पर लौरिया थाना पुलिस पहुंची, पर भीड़ के उग्र होने के कारण शुरुआती समय में पुलिस मूकदर्शक बनी रही. बाद में साठी और शनिचरी थाना की टीम भी पहुंची और हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया गया. हमले के बाद दहशतग्रस्त स्वास्थ्यकर्मियों ने सोमवार को ओपीडी बंद रखने का फैसला लिया, हालांकि आपातकालीन सेवा चालू रखी गई और गंभीर मरीजों के लिए एक घंटे ओपीडी खोली गई. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने थाने में आवेदन देकर अज्ञात उपद्रवियों पर मामला दर्ज करने की मांग की है. पुलिस पहचान में जुटी है.
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