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Bettaih : शहर में फेल है ट्रैफिक सिस्टम, हर रोज लग रहे जाम से पीछा छुड़ाना हो रहा मुश्किल

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह चरमराई हुई है.

– यातायात थाना खुलने के बाद भी ट्रैफिक सिस्टम में नहीं हो सका सुधार, परेशान हो रहे राहगीर

– शहर की सिविल इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान नहीं, विभागों में भी सामंजस्य का अभाव

बेतिया . शहर में ट्रैफिक सुधार को लेकर प्रशासन चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन बीते एक सप्ताह से हालात बिल्कुल उलट दिख रहे हैं. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह चरमराई हुई है. चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती का दावा भी हॉस्पिटल रोड, छावनी, लाल बाजार और मीना बाजार जैसे इलाकों में बेअसर साबित हो रहा है, जहां हर दिन जाम से लोग बेहाल हैं.

जाम की सबसे बड़ी वजह शहर का अव्यवस्थित इंफ्रास्ट्रक्चर, बेतरतीब सड़कें और तेजी से बढ़ते वाहनों का दबाव है. हर साल 50 हजार नए वाहनों का इजाफा हो रहा है, जबकि सड़कें वर्षों से जस की तस बनी हैं. प्रजापति पथ को छोड़ दें तो संतघाट, मीना बाजार, लाल बाजार, नेपाली पथ, हॉस्पिटल रोड, राजगुरू चौक, कालीबाग और उतरवारी पोखरा सहित अधिकांश सड़कें जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं.

अतिक्रमण से 40% तक सिमट गईं सड़कें

शहर की कई सड़कों पर अतिक्रमण इस कदर हावी है कि आवाजाही के लिए जगह ही नहीं बचती. खास तौर पर मीना बाजार और हॉस्पिटल रोड में हालात बदतर हैं, जहां लगभग 40 फीसदी सड़कें अतिक्रमण में घिरी हैं. सोआ बाबू चौक से पॉवर हाउस चौक तक फुटपाथ के बजाय विद्युत पोल खड़े हैं. नल-जल योजना के तहत की गई खुदाई भी बिना मरम्मत के यूं ही छोड़ दी गई, जिससे सड़कें और बदहाल हो गई हैं.

पार्किंग व्यवस्थाएं ध्वस्त, सड़कें बन रहीं पार्किंग ज़ोन

शहर में एसपी ऑफिस, कोर्ट परिसर और सोआ बाबू चौक पर दोपहिया पार्किंग की सुविधा है, जबकि राजड्योढ़ी में ऑटो स्टैंड निर्धारित है. लेकिन बाकी लगभग पूरे शहर में पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह फेल है. सोआ बाबू चौक स्थित स्टैंड में दुकानें सज जाती हैं और सड़क पर ही वाहन खड़े होने लगते हैं. कलेक्ट्रेट रोड को छोड़ दें तो शहर की हर सड़क पार्किंग ज़ोन में तब्दील है.

स्कूल की छुट्टी में बढ़ जाती है समस्या

ट्रैफिक जाम का सबसे भयावह रूप दोपहर में स्कूल छुट्टी के समय देखने को मिलता है. एक साथ बड़ी संख्या में अभिभावकों और स्कूल वाहनों की भीड़ सड़कों को जाम कर देती है. इसका असर छोटे बच्चों तक को झेलना पड़ता है.

सिर्फ 74 कर्मियों पर निर्भर ट्रैफिक व्यवस्था

यातायात थाना में केवल 74 पुलिसकर्मी तैनात हैं. एक डीएसपी, 9 पदाधिकारी और 60 ट्रैफिक जवान. इतने बड़े शहर के ट्रैफिक प्रबंधन की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है.

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