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उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा संपन्न

लोक आस्था के चार दिवसीय पूर्व छठ पूजा थरुहट क्षेत्र समेत विभिन्न गांवों में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत नजारा के साथ संपन्न हो गया.

हरनाटांड़. लोक आस्था के चार दिवसीय पूर्व छठ पूजा थरुहट क्षेत्र समेत विभिन्न गांवों में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत नजारा के साथ संपन्न हो गया. नदियों, तालाबों और विभिन्न छठ घाटों पर सुबह से ही छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंगलवार की सुबह विभिन्न घाटों पर छठ व्रतियों ने पानी में खड़ा होकर उदीयमान सूर्य को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अर्घ्य दिया. यह छठ पर्व संपन्न कर छठ व्रतियों ने मंदिरों में पूजा अर्चना करते हुए घर पहुंची. जहां बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद ली और प्रसाद वितरण के बाद पारण किया. वही सोमवार को शाम होते-होते व्रतियों ने पूरे विधि-विधान से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और भगवान भास्कर तथा छठी मैया की आराधना की. अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने कोसी भर छठी मैया से सुख-समृद्धि, संतान-रक्षा और मनोकामना पूर्ण होने की कामना की.किन्नर व मुस्लिम परिवार ने किया छठ पूजा

नयागांव-रामपुर पंचायत के छठ घाट में व्रती महिलाओं के साथ किन्नर राजेश जायसवाल उर्फ संध्या सिंह ने हाथों में नारियल व छठ सामग्री से भरा सूप लेकर पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की. वहीं रामपुर निवासी रुखसाना खातून ने खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया. मुस्लिम मियां ने कहा कि मेरी पत्नी पांच वर्षों से छठ पर्व करती है. वही समाजसेवी दीनानाथ साह ने बताया कि छठ पर्व सभी धर्म के लोग भी अपनी मन्नत के अनुसार करते हैं और छठ मैया भी उनके मानते पूरी करती है.

छठ पूजा शुद्धता और आत्मसंयम का प्रतीक

नयागांव-रामपुर पंचायत के मुखिया आशा देवी व सरपंच आशा देवी व व्रतियों ने बताया कि छठ पूजा केवल पर्व नहीं बल्कि शुद्धता, संयम और आत्म नियंत्रण का प्रतीक है. इस व्रत में व्यक्ति अपने मन, वचन और कर्म को पवित्र कर भगवान सूर्य की उपासना करता है. महिलाएं पारंपरिक परिधान लाल और पीले रंग की साड़ियों में सज-धजकर घाटों पर पहुंची. घाटों पर छठ गीतों की मधुर गूंज, दीपों की झिलमिल रोशनी और प्रसाद की सुवास ने वातावरण को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया.

मधुबनी प्रतिनिधि के अनुसार. स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में इस वर्ष छठ महापर्व के अवसर पर सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल देखने को मिली. जहां एक ओर पूरे क्षेत्र में छठ पूजा की तैयारियों का उल्लास था, वहीं दूसरी ओर अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं ने पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ छठ व्रत रखकर सबका दिल जीत लिया. सायरा खातून, नजमुन नेशा, जैसे एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने न केवल व्रत रखा, बल्कि घाट की सफाई, सजावट और पूजन की तैयारियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने सूर्य देव और छठी मैया से अपने परिवार के साथ-साथ समाज में शांति, समृद्धि और एकता की कामना की. क्षेत्र में लोगों ने कहा कि जब समाज मिलजुलकर त्योहार मनाता है, तो आपसी विश्वास और भाईचारा और भी मजबूत होता है. छठ महापर्व पर दिखा यह दृश्य निश्चित रूप से पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है. वहीं मुर्तजा अंसारी द्वारा छठ व्रतियों के बीच अनानास का वितरण कर मिसाल पेश किया गया.

वाल्मीकिनगर प्रतिनिधि के अनुसार. भारत नेपाल सीमा पर स्थित नारायणी तट के लव कुश घाट, बेलवा घाट के अलावा तिरहुत नहर और दोन कैनाल नहर के पाट पर भारी संख्या में छठ व्रतियों ने अर्घ्य देकर व्रत को पूरा किया. छठ घाट पर हजारों की संख्या में उमड़ी भक्तों की भीड़ छठ पर्व की आस्था की प्रतीक बनी. पूजा समिति के द्वारा छठ घाट मार्ग की साफ सफाई के साथ प्रकाश की उत्तम व्यवस्था की गयी थी. ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा से दो-चार नहीं होना पड़े. वही वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष मुकेश चंद्र कुमर के नेतृत्व में पुलिस थाना क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह चौकस दिखी. वहीं एसएसबी 21 वीं वाहिनी गंडक बराज के निरीक्षक लोकेश कुमार बनिया के नेतृत्व में जवान छठ घाटों पर चौकसी दिखे. गंडक नदी में आपात स्थिति के लिए थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम पेट्रोलिंग करती दिखी.

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