लौरिया. विशुनपुरवा गांव में रविवार की रात हुए दिल दहला देने वाले हादसे के बाद सोमवार को भी माहौल भारी शोक और तनाव में डूबा रहा. जिस सड़क पर कुछ घंटे पहले तक बैंड-बाजे की धुनें गूंज रही थीं, वही सड़क आज खून के धब्बों, टूटे चप्पलों और बिखरे कपड़ों की खामोश गवाही दे रही है. बरातियों को रौंदती हुई जो मौत बनकर कार दौड़ी, उसने चार परिवारों को उजाड़ दिया और डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को जीवन-मौत की लड़ाई में छोड़ दिया.
स्थानीय लोग बताते हैं कि कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला. कई बराती उछलकर दूर गिरे, कुछ सड़क किनारे झाड़ियों में जा गिरे. बस चीख ही चीख सुनाई दे रही थी. लोग खून में लथपथ पड़े थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे के बाद भगदड़ मच गई थी और लोग अपने परिजनों को ढूंढते इधर-उधर पागलों की तरह भाग रहे थे. घटना की जांच पुलिस ने तेज कर दी है. टोल प्लाजा और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की छानबीन जारी है. पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है और उसके मालिक तथा चालक की पहचान के करीब पहुंचने का दावा किया है. थानाध्यक्ष का कहना है कि जल्द ही आरोपी चालक को पकड़ लिया जाएगा. इधर, मृतकों के गांवों में सोमवार की सुबह मातम पसरा रहा. दूल्हे के फूफा की मौत से शादी का पूरा घर सदमे में है. परिजन बार-बार एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि जिस खुशी में सब जुटे थे, वही रात इतनी अभिशप्त कैसे हो गई. घायल बरातियों का इलाज बेतिया जीएमसीएच में चल रहा है, जिनमें कई की हालत अभी भी गंभीर है. प्रशासन ने पीड़ित परिवारों से संपर्क कर आवश्यक सहायता का भरोसा दिया है. शादी की वह रात, जो यादों में खुशियों के रूप में बसनी चाहिए थी, अब गांव के लिए एक काली याद बन गई है.
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