हरनाटांड़. वीटीआर से भटका तेंदुआ करीब दो सप्ताह से लगातार अपनी जगह बदल रहा है. जैसे कि लग रहा है कि तू डाल-डाल मैं पात-पात वन कर्मियों के बीच चल रहा है. मदनपुर वन क्षेत्र के नयागांव-रामपुर पंचायत स्थित धरवनिया टोला के समीप ग्रामीणों ने गन्ने के खेत में तेंदुए को देखा है. वही ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग व पुलिस विभाग को दी. सूचना को गंभीरता से लेते हुए मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों की टीम पहुंची और हर गतिविधि पर नजर रखने लगी. इधर सूचना मिलते ही लौकरिया थाना पुलिस की टीम गांव पहुंची और माईकिंग कर लोगों को सतर्क रहने की अपील की. पुलिस ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि छोटे बच्चों को अकेले बाहर नहीं भेंजे और जंगल की ओर जाने से बचें. हर गतिविधि पर वन कर्मियों की नजर, विभाग अलर्ट मदनपुर वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी नसीम अंसारी ने बताया कि करीब चार दिनों से एसएसबी 21 वीं वाहिनी कैंप में तेंदुआ घुस गया था. जिसको पिंजरा लगाकर ट्रैकिंग किया जा रहा था. वहीं तेंदुआ मंगलवार की रात धरवनिया टोला गांव के समीप पहुंच गया था. वन कर्मियों की टीम को गांव और आसपास के इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए लगाया गया है. विभाग लगातार तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रख रहा है. तेंदुआ संभवत: भोजन या पानी की तलाश में गांव के करीब पहुंच गया होगा. चूंकि एसएसबी कैंप व गांव जंगल से सटा हुआ है. इसलिए संभावना है कि तेंदुआ जल्द ही वापस जंगल की ओर लौट जाएगा. वन विभाग ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए एहतियातन सतर्कता बरतने की सलाह दी है. गंडक नदी एवं जंगल से है सटा एसएसबी कैंप व धरवनिया टोला गांव मदनपुर वन प्रक्षेत्र के जंगल करीब दो दर्जन गांव जो गंडक नदी और जंगल से सटा हुआ है. जिसके कारण जंगल से निकलकर गंडक नदी रोहुआ होते हुए मांसाहारी एवं शाकाहारी जानवर गांव में प्रवेश कर जाते हैं. धरवनिया टोला, मुसहर टोली, मतौरा टोला ,बगीचा टोला, मोहारे टोला आदि जंगल किनारे बसा हुआ घनी आबादी वाला गांव है. ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ के खेतों तक पहुंचने से वह काफी भयभीत हैं. लोग बच्चों पर विशेष नजर रख रहे हैं और सावधानी बनाए हुए हैं. जंगल के किनारे गांवों में हो रही प्रचार प्रसार लौकरिया के प्रभारी थानाध्यक्ष रमन कुमार ने बताया कि क्षेत्र में माईकिंग कर लोगों को जागरूक किया गया है. वहीं पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि दीनानाथ साह ने वन विभाग से आग्रह किया है कि तेंदुआ को पकड़ कर सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ा जाए, जिससे जान-माल को कोई नुकसान नहीं हो.
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