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संजीव हत्याकांड में शामिल चौथे हत्यारोपित की गिरफ्तारी को ले छापेमारी तेज

विद्युत विभाग के कार्यपालक सहायक संजीव वर्णवाल की हत्या मामले के चौथे आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी तेज हो गयी है.

नरकटियागंज. विद्युत विभाग के कार्यपालक सहायक संजीव वर्णवाल की हत्या मामले के चौथे आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी तेज हो गयी है. साथ ही घटना के दौरान प्रयुक्त हथियार की बरामदगी करने में पुलिस जुट गयी है. शिकारपुर पुलिस ने कांड के आरोपित साठी थाना के बसंतपुर निवासी चंदन पासवान की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार की रात बसंतपुर समेत उसके छिपे हुए कई ठिकानों पर छापेमारी की. थानाध्यक्ष अवनीश कुमार ने बताया कि संजीव वर्णवाल हत्याकांड मामले में चौथे आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. शीघ्र ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि घटना में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी को लेकर पुलिस जुटी हुई है. हत्याकांड मामले में मुख्य साजिशकर्ता संजीव की पत्नी निशा वर्णवाल समेत सभी तीन आरोपितों को जेल भेज दिया गया है. सबसे बड़ी चर्चा है कि पुलिस ने तकनीकी जांच में हत्यारोपी पत्नी की पुलिस को गुमराह करने की साजिश और उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया और तेजी से इस हत्या के रहस्य से पर्दा हटा कर निर्दोष युवकों को फंसाने से बचा लिया. निशा से संपर्क में रहने वालों की अब खुल रही पोल संजीव हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता पत्नी निशा वर्णवाल के साथ संपर्क रखने वालों की पोल परत दर परत खुल रही है. पुलिस सूत्रों की माने तो निशा के मोबाइल में नगर के कई रसुखदारों समेत कई सफेदपोश लोगों व युवकों का नंबर है. साथ ही इंस्टाग्राम पर उसके बहुत बड़े फलोअर हैं. बताया जाता है कि निशा इंस्टाग्राम के माध्यम से इन लोगों के संपर्क में रहती थी. कांड के आरोपित मोगल सहनी से भी उसने इंस्टाग्राम से ही नजदीकी बढ़ाई और प्रेम जाल में फांस लिया. उसके घर के परिजनों को भी इस बात की जानकारी थी लेकिन परिजन निशा की इन करतूतो पर रोक लगाने में अक्षम साबित हो रहे थे. पति संजीव जब विरोध करना शुरू किये रोक लगानी चाही तो दोनों के बीच कई बार मारपीट हुई और अंजाम मौत के रूप में भुगतना पड़ा. कॉलेज के पास चालू होता सीसीटीवी तो नहीं फंसते निर्दोष संजीव वर्णवाल की हत्या के बाद टीपी वर्मा काॅलेज प्रशासन और नगर परिषद के पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने के दावें की भी हवा खुल गयी. कालेज के पास सीसीटीवी कैमरा नहीं होना और नगर के सबसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में से एक गोपाला ब्रह्मा स्थान का सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं होने से पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. संजीव की हत्या के बाद खून से कालेज का गेट लाल हो गया और घटना के चंद देर बाद ही जब पुलिस पहुंची तो ये कह कर घटना को मोड़ दिया कि हत्या भूमि विवाद में किया गया. नगर परिषद की ओर से नगर में सुरक्षा को लेकर 81 बुलेट व 12 पीटीजेड कैमरा लगाये गये है. लेकिन कई स्कूलों और कालेज के पास कैमरा नहीं लगाये जाने से पुलिस को किसी मामले को पटाक्षेप करने में मुश्किल होती है.17 फरवरी को जब संजीव की हत्या की गयी और हत्याकांड को मोड़ दिया गया तो उस वक्त अगर कालेज के पास कैमरा होता तो पुलिस किसी निर्दोष को जेल नही भेज पाती.

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