बगहा.नगर परिषद बगहा के अजब – गजब कारनामे नगर में चर्चा का विषय बने हुए है. यहां लीज धारकों को नप तीन -तीन बार नोटिस किराया के लिए कार्रवाई के लिए देता है. उसके बाद मामले को बिना कार्रवाई के कतिपय बिचौलियों के कारण पूरी तरह से ठंडे बस्ते में डाल देता है. अब किराया के 33 लाख की राशि बढ़ने के साथ केवल कागजों में ही जमा है. जी हां हम बात कर रहें है. 1980 में नप ने 23 दुकानों को लीज पर 99 साल के लिए 30 रुपया के दर से दिया था: पूर्व के नगर परिषद कार्यालय बगहा एक से सटे नवकी बाजार में 44 साल पूर्व 1980 में नप ने 23 दुकानों को लीज पर 99 साल के लिए 30 रुपया के दर से दिया था. सोच यह थी कि इससे नगर परिषद की आय में वृद्धि होगी और नगर का विकास होगा. वर्ष 2010 में तत्कालीन एसडीएम की अगुवाई में नप व लीज धारकों के बीच बैठक की गई. किराया में बढ़ोतरी की गई. सभी को समय से किराया जमा करने का आदेश दिया गया. इसके बावजूद अब तक किसी ने किराया जमा नहीं किया है. किराया 33 लाख वर्ष 2023 में हो गया था. वर्तमान में ये राशि अधिक बढ़ी होगी. कतिपय लीज धारकों ने अपनी लीज की दुकान दूसरे से बेच दिया: इतना ही नहीं कतिपय लीज धारकों ने अपनी लीज की दुकान दूसरे से बेच दिया है. मात्र आधा दर्जन लीजधारक ही पूर्व के है. इसकी जांच नप ने करते हुए खुलासा किया था. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद ने लगातार तीन नोटिस किराया के लिए भेजा, साथ ही कार्रवाई की चेतावनी दी. कार्रवाई करने के समय उनका स्थानांतरण हो गया. उनकी जगह ईओ मुकेश कुमार ने योगदान किया. इस बीच कतिपय लोगों ने मध्यस्थता करते हुए इस मामले को ही पूरी तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया. अब लीजधारक बिना किराया दिए ही धड़ल्ले से अपनी- अपनी दुकानें संचालित कर रहें है. इस ओर किसी जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और ना ही नप प्रशासन की. नगर में इस मामले को लेकर भांति – भांति से चर्चा जारी है. बोले कार्यपालक पदाधिकारी: इस बाबत नप कार्यपालक पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं थी. अब मामले की जानकारी हुई है. चुनाव संपन्न होते हुए इस मामले में जांच करते हुए त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
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