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तेज गति से जल निकासी में गतिरोधक बने 16 चेक प्वांट्स पर नगर प्रशासन करेगा विशेष साफ सफाई

संपूर्ण शहरी क्षेत्र में तीन दिन पहले हुई पहली बारिश की झमाझम बरसात जैसी आफत को नगर निगम प्रशासन ने अपनी कमियों को पहचानने के अवसर के रूप में लिया है.

बेतिया. संपूर्ण शहरी क्षेत्र में तीन दिन पहले हुई पहली बारिश की झमाझम बरसात जैसी आफत को नगर निगम प्रशासन ने अपनी कमियों को पहचानने के अवसर के रूप में लिया है. नगर आयुक्त शंभू कुमार ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बरसात जारी रहने के बीच प्रशासनिक स्तर से तेज जल निकासी में बाधक बने कुल 16 मुख्य प्वाइट्स चिन्हित किए गए हैं. जहां बरसाती पानी का तेज दबाव पाया गया है. नगर आयुक्त श्री कुमार की मानें तो चिन्हित स्थान पर नालों पर पाली का भारी दबाव के अनुरूप जल निकासी का सुचारू बहाव नहीं हो पाने से नालों का पानी ओवर फ्लो की स्थिति में पाया गया है. नगर आयुक्त ने बताया कि ऐसे स्थानों में उत्तरी और दक्षिण द्वार देवी चौक के अलावें आमना उर्दू प्लस टू स्कूल के पास और समीपवर्ती पक्की फुलवारी मुहल्ले से होकर गुजरने वाले नालों से सुगम और तेज जल निकासी में समस्या देखी गई है. इसके अलाव खुदाबख्स चौक, संत कबीर चौक, आलोक भारती स्कूल चौक, स्टेशन चौक, जैसे कुल 16 प्वाइट्स सघन शहरी क्षेत्र में चिन्हित किए गए हैं. जहां पहली बरसात में उजागर समस्या के आधार पर विशेष सफाई की कार्ययोजना तैयार की जा रही है. ताकि आगामी बरसात में समूर्ण नगर निगम और विशेष कर सघन शहरी क्षेत्र को जल जमाव मुक्त बनाया जा सके.

नगर निगम के सभी सफाई वाहनों की ऑन टाइम निगरानी के लिए लगाए जा रहे हैं जीपीएस उपकरण

नगर आयुक्त शंभू कुमार ने बताया कि नगर निगम के कुल 100 से ज्यादा सभी सफाई वाहनों की ऑन टाइम निगरानी के लिए जीपीएस उपकरण लगाए जा रहे हैं. नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति के निर्णय के आलोक में ऐसी पहल का उद्देश्य सफाई वाहनों की कार्य प्रणाली पर नजर रखने के साथ ईंधन के रूप में सरकारी डीजल के खपत की निगरानी करना है.

नाले के पानी में कचरा और प्लास्टिक को रोकने के लिए अब लोहे की जगह बांस की जली

नगर आयुक्त शंभू कुमार ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र के मुख्य और मझौले नालों के पानी में कचरा और प्लास्टिक बहने जल निकासी बाधित होने को रोकने के लिए दर्जनों की संख्या में लोहे की झाली लगाई गई थी. लेकिन कतिपय असामाजिक तत्वों के द्वारा लोहे की जाली की चोरी कर लेने की अनेक घटनाओं को लेकर अब लोहे की जगह बांस की जाली के माध्यम से नाले में कचरा और प्लास्टिक का बहाव रोकने और उसको हमारे सफाई कर्मियों द्वारा प्रायः निकालते रहने के लिए अब बांस की झझरी लगाने का निर्णय किया गया है.

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