बेतिया. बुधवार की सर्द रात शांतिदाता, मुक्तिदाता और पापों से छुटकारा दिलाकर हम मनुष्यों को आनंदमयी जीवन देने वाले परमेश्वर के पुत्र यीशु के जन्म पर ईसाई धर्मावलंबी झूम उठे. लोगों ने गरमा गरम कॉफी के साथ प्लम केक का आनंद लेते हुए एक दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी. रात 11 बजते ही नगर के महागिरजाघर नेटिविटी ऑफ द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी की सभी घंटियां जोर जोर से बजने लगी. श्रद्धालु घरों से निकल गिरजाघर की तरफ बढ़ने लगे. चर्च की क्वायर टीम ने कैरोल गायन शुरू किया. बाइबल से पाठ हुआ. बिशप व पुरोहितों के द्वारा बालक येसु की प्रतिमा को चरनी में रखा गया. इसके पश्चात बेतिया धर्मप्रांत के बिशप पीटर सेवास्टियन गोवियस द्वारा समारोही मिस्सा का शुभारंभ किया गया. बिशप ने अपने संबोधन में उपस्थित श्रद्धालुओं को क्रिसमस के महत्व के बारे में बताया और यह कहा कि प्यार और त्याग का दूसरा नाम क्रिसमस है. क्रिसमस के अवसर पर गिरजाघर के बाहर और भीतर आकर्षक सजावट की गई है. रंग बिरंगी लाइटों से चर्च जगमगा रहे हैं. नगर के गिरजाघर के साथ साथ बेतिया धर्मप्रांत के अंतर्गत आने वाले पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सिवान, छपरा और गोपालगंज जिले के सभी गिरजाघर क्रिसमस के जश्न में सराबोर है. – बिशप ने कराया समारोही मिस्सा कैरोल गायन के पश्चात बिशप पीटर सेवास्टियन गोवियस के नेतृत्व में क्रिसमस मिडनाइट मास संपन्न कराई गई. इसमें गिरजाघर के पुरोहित फादर फ्रांसिस खालको, फादर आनंद पास्कल सहित अन्य पुरोहित शामिल रहे. उन्होंने यीशु के बाल रूप को सजाई गई गौशाले की चरनी में स्थापित किया. प्रभु यीशु के जन्म के साथ ही 25 दिसंबर अर्थात आज क्रिसमस का पर्व मनाया जाएगा. इसको लेकर ईसाई समुदाय में जश्न का माहौल है. गिरजाघरों के साथ ही ईसाईयों के घर भी जगमग रोशनी से जगमगा रहे हैं.
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