रवि ””रंक””,बेतिया
स्कूली शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए अब फोन कॉल और वाट्स ऐप मैसेज के माध्यम से छुट्टी नहीं मान्य होगी. निरीक्षण के दौरान ऐसी अजब गजब धांधली पाए और सेटिंग गेटिंग का खुलासा होने के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. बी.राजेंदर के आदेश पर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है.
जारी विभागीय आदेश में सभी सरकारी शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए “बिहार टीचर्स लिव न्यू रूल्स ” का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है. जिसके तहत अब किसी भी शिक्षक शिक्षिका को प्रक्रिया पूरी किए बिना ही छुट्टी नहीं मिल जाएगी. यह आदेश सभी प्राथमिक, मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को दिया गया है.
“बिहार टीचर्स लिव न्यू रूल्स ” के तहत प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक एक दिन में सिर्फ एक शिक्षक को ही छुट्टी दे सकेंगे. मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अधिकतम 10 फीसद शिक्षक शिक्षिकाओं को ही अवकाश स्वीकृत कर पाएंगे. अगर इससे अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं को छुट्टी देना जरूरी हो, तो पहले नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति छुट्टी देने पर कार्रवाई होगी.
पहले सूचना देना अनिवार्य, व्हाट्सऐप के माध्यम से मान्य नहीं होगा छुट्टी का आवेदन
अब सामान्य परिस्थितियों में भी बिना किसी पूर्व स्वीकृति के अवकाश लेना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. नई बिहार स्कूल छुट्टी अधिनियम के तहत अब सिर्फ आकस्मिक स्थिति में शिक्षक मोबाइल/व्हाट्सऐप पर सूचना देकर छुट्टी पर जा सकते हैं, लेकिन औपचारिक आवेदन एक दिन पहले देना ही होगा.अधिनियम के अनुसार एक शिक्षक-शिक्षिका को पूरे साल में अधिकतम 16 दिन का ही आकस्मिक अवकाश ले पाएंगे. वर्ष के बीच में नियुक्त हुए शिक्षक को 1.33 दिन प्रति माह के हिसाब से छुट्टी दी जाएगी.विशेष आकस्मिक अवकाश महीने में अधिकतम दो लगातार दिनों के लिए और केवल एक बार ही मिलेगा.इसे रविवार, सार्वजनिक अवकाश और सामान्य छुट्टियों से जोड़कर अधिकतम 12 दिन का संयुक्त अवकाश लिया जा सकेगा. स्थानीय निकाय के शिक्षक अधिकतम 10 दिन तक ही एक साथ छुट्टी ले सकेंगे.
विभाग से घोषित छुट्टियां ‘जोड़कर’ छुट्टियां लेने की मनमानी पर लगी रोक
बिहार शिक्षक छुट्टी अधिनियम 2025 के तहत अब शिक्षक शिक्षिका इस में अपने पहुंच या प्रभाव का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे. एक साथ सारी छुट्टियों को जोड़कर लेने की मनमानी खत्म कर दिया गया है. यानी ग्रीष्मावकाश,दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ जैसी लंबी छुट्टियों के साथ सीएल जोड़कर नहीं ले सकेंगे. प्रधान शिक्षक/प्रधानाध्यापक को छुट्टी रजिस्टर में हर शिक्षक का अलग रिकॉर्ड रखना होगा.बिहार शिक्षक छुट्टी अधिनियम 2025 के विहित प्रावधानों का संपूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्तर से भी जारी किया जा रहा है.
गार्गी कुमारी, डीपीओ प्राथमिक एवं समग्र शिक्षा अभियान,
पश्चिम चंपारण.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

