हरनाटांड़. प्रखंड बगहा- 2 अंतर्गत महुअवा-कटहरवा पंचायत के महुअवा गांव में एडवांस्ड सेंटर ऑफ मशरूम रिसर्च और अखिल भारतीय समन्वित मशरूम अनुसंधान परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में दूसरे दिन के कार्यक्रम में भूषा को उबाल तथा सुखाकर उसमें मशरूम का बीज अंकित प्रशिक्षण का समापन किया गया. इस प्रशिक्षण से मशरूम के खेती से थरुहट के महिलाओं स्वावलंबी बनेगी. समस्तीपुर स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा से आए कुलपति डॉ. पीएस पांडेय पूर्व मशरूम विशेषज्ञ परियोजना अध्यक्ष डॉ. दयाराम ने संयुक्त रूप से बताया कि मशरूम अनुसंधान परियोजना के उप योजना के योजना के अंतर्गत महुअवा गांव के थारू जनजाति के बीच मशरूम उत्पाद व प्रसंस्करण तकनीकी विषय दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण के दूसरे दिन मशरूम की खेती हेतु कंपोस्ट बनाना केसिंग तैयारी करना बताया गया. जिसमें प्रशिक्षणार्थियों ने मशरूम की खेती की मुख्य तकनीकी पहलुओं को जाना. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुखिया प्रतिनिधि ज्योति नारायण खतईत व संचालन उप मुखिया जितेंद्र काजी ने किया. वहीं मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा थरुहट क्षेत्रों महिलाओं का रोजगार मिलेगा और यहां के महिलाओं स्वावलंबी बनेगी.
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