बेतिया. जीएमसीएच में इंटर्न व जूनियर डॉक्टर्स तथा जीविका दीदियों के बीच हुए विवाद का असर मंगलवार को अस्पताल की व्यवस्था पर भी दिखा. सोमवार की रात से ही जीविका रसोई की कैटिंग सेवा पूरी तरह ठप हो गई. चोटिल जीविका कर्मियों का इलाज जीएमसीएच में ही चल रहा है. करीब 24 घंटे तक सेवा बहाल नहीं होने से 400 से अधिक मरीजों के परिजन और अन्य लोगों को भोजन नहीं मिल सका. हालात ऐसे रहे कि कई परिजनों को बीती रात भूखे ही सोना पड़ा, जबकि मंगलवार को दिन में बाहर से महंगे दाम पर नाश्ता और भोजन करना पड़ा. हालांकि मरीजों के लिए जीविका रसोई से पथ्य और नाश्ता समय समय जरूर मुहैया कराया गया. अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधा भारती ने बताया कि पीड़ित जीविका दीदियों से चिन्हित चार इंटर्स को क्लास और ओपीडी कार्य से निलंबित किया गया है और इन चार इंटर्न छात्रों को जीविका कैंटीन में जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इधर जीएमसीएच में इलाजरत चिंता देवी, काजल देवी, बबली देवी और अनीता देवी ने कहा कि मारपीट के दौरान उनके गले से मंगलसूत्र, नाक का कील गायब हो गया. इसके अलावा बिक्री काउंटर के गल्ले से 11 हजार 500 रुपये भी गायब है. जीविका रसोई संचालित करने वाली दीदियों का कहना है कि मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को भी दी गई है. दीदियों ने खुद को असुरक्षित महसूस करने और टीओपी पुलिस पर ठोस कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया है. जीविका कैंटीन के मैनेजर बजरंग ने बताया कि सोमवार की घटना में तेरह जीविका दीदी जख्मी है. इसके बावजूद भी मरीजों को वार्ड में नाश्ता, खाना उपलब्ध कराया जा रही है. सुरक्षा सुनिश्चित होने पर कैंटीन शुरू की जाएगी. वहीं जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि खाने के ऑर्डर में बदलाव की बात कहने पर जीविका दीदियों ने बदतमीजी शुरू कर दी और एक साथी को गेट बंद कर बंधक बना लिया. किसी तरह उसे बाहर निकाला गया. डॉक्टरों ने मारपीट के आरोपों को गलत बताया है. ————————- ऑर्डर के बाद दही नहीं लेने पर बढ़ा था विवाद सूत्रों के अनुसार सोमवार को इंटर्न व जूनियर डॉक्टर्स जीविका रसोई में भोजन करने पहुंचे थे. दही और आमलेट का ऑर्डर दिया गया था, लेकिन भोजन तैयार होने के बाद दही लेने से इनकार कर दिया गया. इसी बात को लेकर रसोई कर्मी सिद्धार्थ गुप्ता ने एक साथ ऑर्डर देने की बात कही, इसके बाद कहासुनी बढ़ी और मामला मारपीट तक पहुंच गया. घटना के बाद आक्रोशित जीविका दीदियों ने संबंधित डॉक्टर को पकड़कर अधीक्षक के पास ले जाने का प्रयास किया. इसी दौरान अन्य इंटर्न डॉक्टरों के पहुंचने पर स्थिति और बिगड़ गई, जिसमें आधा दर्जन से अधिक जीविका दीदी और अन्य कर्मी घायल हो गए. ————- देर रात अस्पताल पहुंचें डीएम, ली जानकारी घटना की जानकारी मिलते ही डीएम तरनजोत सिंह जीएमसीएच पहुंचे और जीविका दीदियों व अस्पताल अधीक्षक से बातचीत की. डीएम ने कहा कि तीन सदस्यीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई होगी. व्यवस्था में किसी स्तर पर मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इधर विवाद को लेकर सोमवार देर रात जीएमसीएच के प्राचार्य कार्यालय में प्राचार्य डॉ दिनेश कुमार, अधीक्षक डॉ सुधा भारती सहित अन्य पदाधिकारियों की बैठक हुई. घटना की समीक्षा करते हुए दोषी पाए जाने वाले इंटर्न डॉक्टरों पर दंडात्मक कार्रवाई पर चर्चा करते हुए निर्णय को लिया गया.
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