बगहा. समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की आस लिए 17 वर्ष पूर्व आत्मसमर्पण करने वाले पांच दस्युओं को आखिरकार सजा मिली और जेल से बाहर भी आ गए. जेल में अब तक बिताए दिनों को ही उनकी सजा मान उनको रिहा कर दिया गया.उसके साथ ही सभी को पांच-पांच हजार का अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई.यह सजा अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी आलोक कुमार चतुर्वेदी ने सुनाई.इस बाबत जानकारी देते हुए अभियोजन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि 09 अगस्त 2008 को तत्कालीन बगहा एसपी निशांत तिवारी के सामने रामनगर के प्रेम जननी संस्कृत विद्यालय में पांच अपराधियों ने हथियार के साथ आत्म समर्पण किया था.जिनको आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया गया था.समय -समय पर ट्रायल किया गया. कुल 6 गवाहों की इस मामले में गवाही हुई.अभियोजन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि कोर्ट में आत्म समर्पण किया.
अपराधियों के साथ नरमी बरतते हुए जेल में बिताया गया उतना ही उसकी सजा मान ली गई
अपराधियों के साथ नरमी बरतते हुए जिस अपराधी ने जितना दिन जेल में बिताया उतना ही उसकी सजा मान ली गई.और उनको रिहा कर दिया. इस अपराधियों में लालजी उरांव, घुघली राम, सुकट राम, हीरालाल और छठू नाथ शामिल है. जिनमें से लालजी उरांव को 01 वर्ष 10 माह 27 दिन, घुघली राम को 13 माह 6 दिन, सुकट राम को 5 माह 9 दिन, हीरालाल को 5 माह 9 दिन तथा छठू नाथ को 9 माह 13 दिन की सजा सुनाई गई. दरअसल इन अपराधियों ने इतने ही दिन जेल में बिताए हैं.
अभियोजन पदाधिकारी ने बताया कि हीरालाल राम पिता कमल राम साकिन मनचंगवा थाना गोबर्धना, छठु नाथ पिता विशुन नाथ साकिन बनहवा परसा थाना सोनबरसा मटियरिया, सुकट राम पिता मनू राम साकिन बगहा सखुआनी थाना गोबर्धना,घुघली राम पिता विकाउ राम साकिन बगहा सखुआनी थाना गोबर्धना, लालजी उरांव पिता स्व० राम किशुन उरांव साकिन घोड़हिया थाना गोबर्धना अभियुक्त शामिल हैं. बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता श्री नर्वदेश्वर भारती प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
बॉक्स में……लेबर एक्ट में सुनाई गई पांच हजार अर्थदंड
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