गौनाहा. सहोदरा थाना क्षेत्र के धमौरा पंचायत के बनबैरिया गांव में शनिवार की शाम खुशियों का माहौल उस वक्त मातम में बदल गया, जब द्वार-पूजा के बीच दुल्हन ने अचानक दूल्हे से शादी करने से साफ इनकार कर दिया. बारात शिकारपुर थाना क्षेत्र के बैतापुर गांव से बड़े धूमधाम के साथ आई थी. मंडप सजा था, दुल्हन सज-धजकर तैयार थी और दोनों ओर खुशी की लहर थी, लेकिन जैसे ही दूल्हे को द्वार-पूजा के लिए लाया गया, महिलाओं में कानाफूसी शुरू हो गई. दूल्हे की गतिविधियां संदिग्ध लगीं और देखते-देखते यह बात दुल्हन तक भी पहुंच गई. इधर बरातियों का स्वागत नाश्ता-पानी के साथ चल रहा था. वरमाला का कार्यक्रम शुरू हुआ और दुल्हन स्टेज पर पहुंची. जैसे ही उसने दूल्हे की ओर देखा, वह सन्न रह गई-दूल्हा एक आंख से दिव्यांग था और उसके मानसिक संतुलन को लेकर पहले से ही लड़की पक्ष में शंका थी. चश्मा होने के कारण दिव्यांगता का पहलू अब तक छिपा रह गया था. दुल्हन ने तुरंत वरमाला डालने से इनकार कर दिया और स्टेज पर ही घोषणा कर दी कि लड़का मुझे पसंद नहीं है, शादी किसी हालत में नहीं करूंगी. जबरदस्ती की गई तो मैं खुदकुशी कर लूंगी. यह सुनते ही बरातियों में हड़कंप मच गया. दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हुई और देखते-ही-देखते हाथापाई तक की नौबत आ गई. माहौल इतना बिगड़ा कि लड़की का भाई गुस्से में यहां तक कह बैठा कि ज्यादा दबाव बनाया गया तो वह अप्रिय घटना को अंजाम दे सकता है. स्थिति अनियंत्रित होते देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस पहुंची तो पाया कि उग्र माहौल के बीच बरातियों को लड़की पक्ष ने बंधक बना रखा था. घंटों चली पंचायती और बहस के बाद आखिरकार हिसाब-किताब निपटाया गया, तब जाकर बरातियों को मुक्त किया गया. बहरहाल खुशियों में जुटा गांव रातों-रात तनाव और अफरातफरी का केंद्र बन गया और बारात बिना दुल्हन के ही बैतापुर लौट गई.
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