बगहा. बगहा व्यवहार न्यायालय ने 14 वर्ष पुराने डब्लू राम उर्फ डेबा डोम हत्या मामले में आरोपी चुन्नू डोम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने उस पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर उसे छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.यह फैसला जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की अदालत में सुनाया गया. चुन्नू डोम दिल्ली में मजदूरी कर रहा था-बचाव पक्ष ने किया दावा अंतिम बहस के दौरान बचाव पक्ष ने दावा किया कि घटना के समय चुन्नू डोम दिल्ली में मजदूरी कर रहा था और उसका इस हत्या से कोई संबंध नहीं है. बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि कांड की सूचक मुमताज देवी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उनका कहना था कि मृतक की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि ट्रैक्टर से कुचलने के कारण हुई. साथ ही बताया कि मुख्य अभियुक्त होरील डोम पहले ही रिहा हो चुका है. इसलिए चुन्नू डोम को झूठा फँसाया गया है.हालांकि अदालत ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं किया और अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर सजा सुनाई. तीन माह की गर्भवती थीं और उनके सामने ही उनके पति को गोली मारी गई. अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र भारती ने बताया कि तत्कालीन एसडीपीओ तथा मामले के अनुसंधान अतानु दत्ता, बगहा अनुमंडलीय अस्पताल के वर्तमान प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. ए.के. तिवारी और कांड की सूचक मुमताज देवी सहित कई साक्षियों ने घटना की पुष्टि की. बयान दर्ज करते समय मुमताज देवी कोर्ट में भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि घटना के वक्त वह तीन माह की गर्भवती थीं और उनके सामने ही उनके पति को गोली मारी गई. यह मामला वर्ष 2011 में दर्ज एफआइआर पर आधारित है यह मामला वर्ष 2011 में दर्ज एफआईआर पर आधारित है. इसमें कुल नौ गवाह हैं. लेकिन अब तक तीन के ही बयान दर्ज हो पाए हैं. कई गवाह लंबे समय से अनुपस्थित रहे, जिसके कारण अदालत ने जून में अनुसंधान, डॉ. तिवारी और मुमताज देवी के खिलाफ गिरफ्तारी आदेश जारी किया था. निर्णय आने के बाद पीड़ित पक्ष ने न्याय मिलने पर संतोष जताया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

