नरकटियागंज . रविवार की देर शाम आई एक मनहूस खबर ने धुमनगर से लेकर लौरिया तक कोहराम मचा दिया. धुमनगर लालीगढ़ही गांव में जहां लोग शादी-ब्याह की हलचल में डूबे थे, रात में महिलाएं फोन पर बरात की पल पल की खबर ले रही थी. विनोद प्रसाद कुशवाहा के घर महिलाए डोमकच की तैयारी में लगी थी. वहीं कुछ ही मिनटों में चीख-पुकार और मातमी सन्नाटे ने सब कुछ बदल दिया. किसी प्रकार शादी की रस्मों की औपचारिकता निभा कर घर लौटे दूल्हे सोनू कुमार ने बताया कि वरमाला का कार्यक्रम चल रहा था. गांव के कुछ लोग खाना खाकर घर जाने के लिए गाड़ियों के पास खड़े थे. उसी दौरान दूसरी ओर से आ रहे एक अनियंत्रित कार ने भीड़ को बुरी तरह रौंद दिया. इस दर्दनाक हादसे में सोनू के फूफा, मामा और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए. अस्पताल ले जाते समय तीनों ने दम तोड़ दिया. सोनू सदमें में हैं बताया कि जिस हंसी-खुशी से मैं शादी करने गया था, वह सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई. टूटे मन से किसी तरह रस्में निभानी पड़ीं. ———- धुमनगर में धरी रह गई बहुभोज की तैयारी सोमवार को विनोद प्रसाद कुशवाहा के घर बहुभोज का आयोजन था. नए दूल्हा-दुल्हन के स्वागत की कई दिनों से तैयारी चल रही थी. लेकिन हादसे की खबर लगते ही सब कुछ रुक गया.विनोद के घर वाले लोगों को एक-एक कर बहुभोज रद्द होने की सूचना दे रहे थे. घर में सजे पंडाल और झुमर की रोशनी उदास पड़ गई. विनोद की बहन रीना देवी बदहवास हालत में एक-एक रिश्तेदार को हादसे की खबर सुनाती रहीं. लौरिया से बेतिया तक उनका रोते-रोते बुरा हाल हो गया. नए दूल्हे सोनू ने भर्राई आवाज में कहा जब मेरे फूफा और मामा ही इस दुनिया में नहीं रहे, तो कैसी भोज और कैसी खुशियां. गांव में सन्नटा पसरा है. ——————— चार बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया फोटो14: राजेश महतो नरकटियागंज. टेढ़ीकुईया गांव में सोमवार को उस वक्त कोहराम मच गया जब सिसवनिया गए बारात से लौटते समय स्कॉर्पियो चालक राजेश महतो की मौत की खबर घर पहुंची. पोस्टमार्टम के बाद जब राजेश का शव गांव में आया तो सड़क से लेकर घर के दरवाजे तक चीख-पुकार मच गई. पत्नी पूनम देवी दरवाजा पकड़ कर रो-रोकर बेहोश हो जा रही थीं. मां गीता देवी और बहन चंदा की दहाड़ से पूरा गांव रो रहा था. राजेश के चार छोटे बच्चे हैं. सबसे बड़ा बेटा रिपुराज महज 10 वर्ष का है. बेटी शोभा 8, मुस्कान 6 और सबसे छोटा यशवंत सिर्फ चार साल का है. मासूम बच्चों की मासूम आंखें हर किसी को झकझोर रही हैं. ——- मामा से अगुआ बने दिनेश की मौत पर मातम दोनेां पक्षों के अगुआ सिसवनिया निवासी दिनेश महतो रिश्ते में दुल्हू के मामा थे. अगुआ बन कर शादी करवाई. उन्ही की बदौलत दूल्हा दुल्हन एक दुजे के हमराही बने. उनकी बहन मीणा देवी अपने भाई और बहनोई की मौत पर सिसक रही थी.
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