बेगूसराय. बढ़ती गर्मी बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित न करें, इसको लेकर 13 मई से 25 मई तक सभी सरकारी, निजी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 11:00 तक ही संचालित होगा. इस बात की जानकारी डीएम तुषार सिंगला ने दी. उन्होंने बताया कि बेगूसराय जिले में लगातार तापमान बढ़ रहा है. दोपहर के वक्त गर्मी बहुत हो जाती है. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. गर्म हवा और लू के थपेड़ों से जनजीवन बेहाल, सूख रहे हलख
बीहट. शहर समेत पूरा जिला भीषण गर्मी की चपेट में है. सूर्य देव आग उगल रहे हैं. सुबह में नौ बजते बजते घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. ऊपर से गर्म हवाएं और लू के थपेड़ो से जनजीवन बेहाल है. घर से निकलने के बाद गला इस तरह से सुख रहा कि लोग बाजार में ठंडे पानी के लिए छटपटा कर रह जा रहे है. प्याऊ हो या चापाकल कही भी ठंडा पानी नहीं टपक रहा है. सबसे बड़ी परेशानी गर्मी में बिजली नहीं होने से हो रही है. बिजली कब आयेगी और कब अचानक से चली जायेगी यह कहना मुश्किल है. बिजली की आंख मिचौनी के बीच लो ट्रिपिंग, वोल्टेज अप डाउन होने से पंखा समेत बिजली के उपकरणों के जलने का खतरा बढ़ गया है. लोगों की मानें तो विगत कई वर्ष से बिजली विभाग में संसाधनों का न तो रखरखाव ठीक से हुआ और न ही उन्हें अपडेट किया गया, अलबत्ता मेनटेंनेंस के दावे जरूर किये जाते रहे हैं. हर वर्ष उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा हो गया है. इसके बावजूद उपकेंद्रों पर लगे ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि नहीं हुई और न ही वितरण क्षेत्र में लगे ट्रांसफाॅर्मरों को बदला गया. ओवरलोड व जर्जर लाइनें अधिकतर समय फाल्ट की चपेट में रहती हैं. उपभोक्ताओं की मानें तो इस सबका खामियाजा हमें उठाना पड़ रहा है. विभाग की लापरवाही से उपभोक्ताओं को भीषण गर्मी में अघोषित बिजली कटौती से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार और विभाग तो शहरी क्षेत्र में 24 घंटे, ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 18 घंटे व नलकूप फीडरों पर 10 से 12 घंटे बिजली आपूर्ति देने का दावा कर रही है. लेकिन हकीकत में शहरी क्षेत्र को पिछले 24 घंटे में कब बिजली आयी और गयी लोगों को याद भी नहीं. विद्युत आपूर्ति अघोषित बिजली कटौती का सामना कर रहा है. दिन तो कैसे भी कट जाता है लेकिन रात में बिजली आपूर्ति लोगों को रूला देती है. पिछली रात बीहट में बिजली कटौती किस कारणों से की गयी, किसी को पता नहीं. सभी फोन के जरिये एक-दूसरे से बिजली के आने की जानकारी लेते रहे. सोशल मीडिया के कई ग्रुपों से जुड़े बिजली पदाधिकारी लोगों की छटपटाहट का आनंद लेते हैं, लेकिन सही जानकारी देना जरूरी नहीं समझते. जिसके कारण एक बार फिर से उपभोक्ताओं में बिजली विभाग के पदाधिकारियों के प्रति आक्रोश पनप रहा है.
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