बेगूसराय. विकास विद्यालय में भारत-तिब्बत मैत्री संघ, बेगूसराय की ओर से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का 90 वां जन्मदिन मनाया गया. इसमें बड़ी संख्या में नागरिक, बुद्ध अनुयायी, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए. कार्यक्रम की शुरुआत बौद्ध भिक्षुओं द्वारा शांति मंत्र और बुद्ध वंदना से हुई, जिसके उपरांत वक्ताओं ने दलाई लामा के जीवन, शांति, करुणा और अहिंसा के मूल्यों पर अपने विचार रखे. इस अवसर पर बेगूसराय भारत-तिब्बत मैत्री संघ की महिला अध्यक्ष डॉ. गुंजन कुमारी, शिक्षाविद् राजकिशोर सिंह, ‘जागो गांव’ संस्था के निदेशक व सामाजिक कार्यकर्ता सोमेश चौधरी, डॉ संजय कुमार, मिलन कुमार की उपस्थिति रही. अतिथियों ने दलाई लामा के विचारों को आज के सामाजिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक बताते हुए उन्हें युगपुरुष कहा. कार्यक्रम में भारत-तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि दलाई लामा विश्व शांति, अहिंसा और करुणा के प्रतीक हैं. भारत-तिब्बत संबंधों को जीवंत बनाए रखने के लिए युवाओं को इन मूल्यों को आत्मसात करना होगा.वहीं बिहार प्रांतीय अध्यक्ष श्री हरेंद्र सिंह के संदेश में कहा कि बिहार बौद्ध परंपरा की भूमि है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम तिब्बती संस्कृति, उनकी पीड़ा और उनकी शांति यात्रा के साथ सदैव खड़े रहे. कार्यक्रम में छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, तिब्बती लोकगीत, तथा ‘विश्व शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना’ का आयोजन किया गया. डॉ. गुंजन कुमारी ने कहा कि दलाई लामा का जीवन हम सभी के लिए एक नैतिक और आध्यात्मिक प्रेरणा है. महिलाओं की भूमिका शांति और सेवा में और भी अधिक प्रभावशाली हो सकती है यदि हम उनके विचारों को आत्मसात करें. वहीं, सोमेश चौधरी और राकेश कुमार ने अपनी बातों रखे. शिक्षाविद् राजकिशोर सिंह ने कहा कि तिब्बती लोग अपनी संस्कृति को नहीं भूले हैं एक दिन तिब्बत अलग राष्ट्र बन कर रहेगा. कार्यक्रम का समापन सामूहिक शांति प्रार्थना एवं ‘तिब्बत के साथ एकजुटता’ के संकल्प के साथ हुआ. आयोजन को सफल बनाने में ‘भारत-तिब्बत मैत्री संघ बेगूसराय’ की पूरी टीम, विशेषकर युवाओं की भूमिका सराहनीय रही.
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