नावकोठी. प्रखंड के सभी पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मंगलवार को अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन हुआ. छह माह से ऊपर के बच्चों को अन्नप्राशन कार्यक्रम के तहत मुंहजुठी कराया गया.सीडीपीओ मोनिका रानी ने कहा कि अन्नप्राशन एक भारतीय संस्कार है इस संस्कार के साथ बच्चे को अन्न खिलाना शुरू किया जाता है.आईसीडीएस विभाग की ओर से इसे सार्वजनिक रूप से समारोह पूर्वक आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाने की परंपरा विकसित की गयी है,ताकि बाल कुपोषण को दूर किया जाय.इससे 6 माह से ऊपर के बच्चों को ऊपरी आहार खिलाने का महत्व बढ़ जाता है.क्योंकि यही वह समय होता है जब शिशु मां के दूध के अलावा पहली बार अन्न ग्रहण करता है.इस अवसर पर सेविकाओं ने सब्जियों अनाज एवं फल एवं पत्तियों,कलश से आकर्षक रंगोली का निर्माण कर पोषण का संदेश दिया.स्वच्छता तथा हाथ की धुलाई तथा परिवेश को साफ एवं स्वच्छ रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. मुंहजुठी कार्यक्रम के दौरान छह महीने से ऊपर के बच्चों को उम्र के हिसाब से हर माह उपरी आहार आवश्यक रूप से खिलाने के महत्व से अवगत कराया.सेविकाओं ने उपस्थित माताओं को बताया कि छः महीने तक सिर्फ बच्चों को स्तनपान तथा उसके बाद ऊपरी आहार खिलाना चाहिए.इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है और बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं होते हैं.मौके पर एल एस कुमारी कृष्णा,प्रीति कुमारी,हेमलता कुमारी,सुनीता कुमारी सहित आंगनबाड़ी सेविका मीना कुमारी,कमरून निशा बेग,जीवछ कुमारी,पूनम कुमारी,इंदु कुमारी,शकीला बेगम,पार्वती कुमारी,रूबी कुमारी,तराना खातून,आयशा खातून,मधुरानी,ममता कुमारी,कोमल कुमारी,बिंदु कुमारी,मंजू कुमारी आदि मौजूद थे.
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